Vodafone Idea Share Price: वोडाफोन आइडिया (Vi) को लेकर निवेशकों और बाजार विश्लेषकों के बीच चिंताएँ बढ़ रही हैं। कंपनी लगातार रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी बड़ी कंपनियों से पिछड़ रही है, और इसे टैरिफ बढ़ाने के बावजूद कोई खास फायदा नहीं हो रहा है। वोडाफोन आइडिया के स्टॉक में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जिससे निवेशक परेशान हैं। 24 फरवरी को कंपनी के स्टॉक की कीमत 1 फीसदी गिरकर 7.97 रुपये तक पहुंच गई। पिछले महीने में यह स्टॉक लगभग 16 प्रतिशत गिर चुका है और पिछले छह महीनों में यह लगभग 50 प्रतिशत तक टूट चुका है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या वोडाफोन आइडिया का शेयर 5 रुपये तक गिर सकता है, जैसा कि ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट में संकेत दिया है।
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मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में वोडाफोन आइडिया के भविष्य को लेकर कुछ गंभीर चिंताएँ जताई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक कंपनी का बिजनेस पूरी तरह से स्थिर नहीं हो जाता, तब तक वोडाफोन आइडिया के लिए लंबी अवधि में अपना वजूद बनाए रखना मुश्किल है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कंपनी ने तीन बार टैरिफ में वृद्धि की है, लेकिन इसका सीमित फायदा हुआ है। इसके बावजूद, कंपनी की सब्सक्राइबर संख्या घट रही है, जो इसके लिए एक बड़ा नुकसान है।
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ग्राहकों की संख्या में गिरावट

वोडाफोन आइडिया ने तीन बार टैरिफ बढ़ाया है, जिसमें कुछ प्लान्स का टैरिफ दोगुना हो गया है। हालांकि, इसके बावजूद कंपनी का वायरलेस रेवेन्यू सितंबर 2019 के मुकाबले 2 प्रतिशत कम है। टैरिफ बढ़ाने के बावजूद कंपनी की वार्षिक वायरलेस रेवेन्यू 2,600 करोड़ रुपये रही है, जो पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत अधिक है। लेकिन इसकी तुलना में ब्लेंडेड टैरिफ हाइक 17 प्रतिशत रही है। इसका साफ मतलब है कि टैरिफ बढ़ाने का कंपनी को उतना फायदा नहीं हुआ, जितना की अपेक्षित था, और ग्राहकों की संख्या लगातार घट रही है।
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क्या दिसंबर में फिर होगा टैरिफ में इजाफा?
मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि टेलीकॉम इंडस्ट्री का ढांचा काफी कंसॉलिडेटेड हो चुका है। डेटा की खपत बढ़ रही है, लेकिन भारत में ARPU (एवरेज रिवेन्यू पर यूजर) दुनिया के सबसे कम स्तर पर है। इसका मतलब है कि टेलीकॉम कंपनियों का रिटर्न पर्याप्त नहीं है। इस कारण मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि इस साल दिसंबर तक टैरिफ में एक और वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, अनुमान है कि वोडाफोन आइडिया अगले कुछ महीनों में 15 प्रतिशत या प्रति माह 50 रुपये तक टैरिफ बढ़ा सकती है।
वोडाफोन आइडिया का नेटवर्क और प्रतिस्पर्धा में पिछड़ना

नेटवर्क की बात करें तो वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और रिलायंस जियो से काफी पिछड़ चुकी है। कंपनी को इस कमी को दूर करने के लिए अगले दो से तीन वर्षों में बड़ा पूंजीगत खर्च करने की योजना है। हालांकि, इसका कर्ज और सरकार से राहत पर निर्भर रहेगा। मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि एक तरफ जहां वोडाफोन आइडिया के ग्राहक घट रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भारती एयरटेल और रिलायंस जियो के ग्राहकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।