Mahakumbh 2025 Snan Dates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी 2025 को प्रयाग में आयोजित कुंभ मेला (kumbh Mela 2025) में स्नान करेंगे। यह तारीख विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि 5 फरवरी को माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि पड़ती है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक शुभ मानी जाती है। इस दिन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने शाही स्नान की तारीख को छोड़कर इस दिन को ही क्यों चुना। आइए, जानते हैं कि इस दिन की धार्मिक और ऐतिहासिक महत्वता क्या है, और क्यों प्रधानमंत्री मोदी ने इसी दिन कुंभ में पुण्य स्नान का निर्णय लिया।
5 फरवरी की तिथि का धार्मिक महत्व
![](https://primetvindia.com/wp-content/uploads/2025/01/prime-tv-2025-01-22T131748.156-1024x667.jpg)
5 फरवरी को माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है, जिसे धार्मिक दृष्टि से बहुत ही शुभ और पुण्यकारी माना गया है। इस दिन विशेष रूप से तप, ध्यान और साधना करने से महान पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही यह दिन भीष्माष्टमी के रूप में भी मनाया जाता है, जो महाभारत से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण दिन है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से विशेष लाभ होता है, और साथ ही पितरों की पूजा कर उन्हें तर्पण देने से उनके शांति और सद्गति की कामना की जाती है।
Read more :Seema Haider का Mahakumbh में 51 लीटर दूध चढ़ाने का फैसला, लेकिन क्यों नहीं जा सकती खुद?
भीष्माष्टमी का महत्व
![](https://primetvindia.com/wp-content/uploads/2025/01/prime-tv-2025-01-22T131733.295-1024x667.jpg)
माघ मास की अष्टमी तिथि को भीष्माष्टमी भी माना जाता है। महाभारत के युद्ध में भीष्म पितामह ने बाणों की शैय्या पर लेटकर सूर्यदेव के उत्तरायण होने और शुक्ल पक्ष की प्रतीक्षा की थी। जब यह शुभ तिथि आई, तो भगवान श्री कृष्ण के सामने उन्होंने अपने प्राणों का त्याग किया और मोक्ष की प्राप्ति की। इस दिन की महिमा धार्मिक ग्रंथों में विशेष रूप से वर्णित है। इस दिन का महत्व केवल पितरों के लिए ही नहीं, बल्कि आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
Read more :Mahakumbh में 7 फीट लंबे मस्कुलर बाबा की एंट्री, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरें और वीडियो
माघ मास की अष्टमी तिथि का महत्व
![](https://primetvindia.com/wp-content/uploads/2025/01/prime-tv-2025-01-22T131816.138-1024x667.jpg)
शास्त्रों के अनुसार, माघ मास की अष्टमी तिथि का दिन बहुत ही पुण्यदायी होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जो व्यक्ति अपने पितरों के नाम से जल, तिल, अक्षत, और फल-फूल अर्पित करते हुए तर्पण करते हैं, वे न केवल पितरों की सद्गति की कामना करते हैं, बल्कि स्वयं भी मोक्ष प्राप्त करते हैं। इस दिन का विशेष महत्व है, और इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिन को कुंभ स्नान के लिए चुना है।
प्रधानमंत्री मोदी की सोच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह निर्णय धार्मिक दृष्टि से बहुत ही विचारशील और स्मार्ट माना जा सकता है। उन्होंने कुंभ मेला के इस विशेष दिन का चयन कर यह सुनिश्चित किया कि उनका कुंभ स्नान न केवल देशवासियों के लिए प्रेरणादायक हो, बल्कि यह उन्हें धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी एक गहरी सीख प्रदान करे। 5 फरवरी को माघ मास की अष्टमी तिथि का महत्व मोदी जी के इस निर्णय को और भी विशेष बनाता है।