अमेरिका में इस समय फ्लू (इन्फ्लूएंजा) महामारी कोरोना वायरस से भी अधिक खतरनाक साबित हो रही है। विशेषकर कैलिफोर्निया में यह बीमारी अब सबसे घातक सांस संबंधी संक्रमण बन चुकी है, जिससे अस्पतालों पर भारी दबाव बढ़ गया है। मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और स्वास्थ्य सेवाएं अधिक दबाव का सामना कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति टीकाकरण दर में भारी गिरावट के कारण उत्पन्न हुई है।
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मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी
अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, इस सीजन में अब तक केवल 44% वयस्क और 46% बच्चे ही फ्लू का टीका लगवा पाए हैं, जो कि टीकाकरण के लिए आवश्यक आंकड़े से काफी कम है। महामारी के इस संकट में विशेषज्ञ का कहना है कि, इस बार अस्पतालों में फ्लू के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। सैन फ्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र में किए गए श्वसन संबंधी वायरस परीक्षणों में 70% से अधिक मामले फ्लू के पाए गए हैं, जो कोरोना वायरस और अन्य सांस की बीमारियों से कहीं अधिक है।
कोविड के मामलों की पॉजिटिविटी दर

1 फरवरी तक कैलिफोर्निया में फ्लू टेस्ट पॉजिटिविटी दर 27.8% तक पहुंच गई, जबकि कोविड के मामलों की पॉजिटिविटी दर केवल 2.4% रही। आंकड़ों के अनुसार, 1 जुलाई से अब तक फ्लू से 561 मौतें हुई हैं, जिनमें अधिकांश 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग शामिल हैं। इस सीजन में अमेरिका में फ्लू के दो प्रकार—H1N1 और H3N2—एक साथ फैल रहे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है।
बीमारी की मृत्यु दर
विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में इस बार एक नई घातक बीमारी “एक्यूट नेक्रोटाइजिंग एन्सेफैलोपैथी” (ANE) देखने को मिल रही है, जो मस्तिष्क को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। इस बीमारी की मृत्यु दर करीब 50% है, जिससे माता-पिता में चिंता बढ़ गई है। इस फ्लू सीजन में अब तक 10 बच्चों की जान जा चुकी है, जबकि इसी दौरान कोरोना वायरस से केवल 3 बच्चों की मौत हुई है।

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फ्लू से संक्रमितअनुमानित लोग
अब तक अनुमानित 2.9 करोड़ लोग फ्लू से संक्रमित हो चुके हैं। 3.7 लाख से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है और 16,000 लोगों की जान जा चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि, फ्लू के गंभीर मामलों में एमआरएसए (MRSA) निमोनिया जैसी जटिलताएं भी देखने को मिल रही हैं, जो फेफड़ों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती हैं।