UPPSC PCS Exam Date: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने छात्रों के विरोध को देखते हुए समीक्षा अधिकारी (RO)/सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की प्रारंभिक परीक्षा-2023 को स्थगित कर दिया है। पहले यह परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को होनी थी। लेकिन छात्रों की नाराजगी और विरोध प्रदर्शन के चलते आयोग ने परीक्षा की नई तारीखों का ऐलान फिलहाल टाल दिया है।
तीन सदस्यीय कमेटी करेगी फैसला
परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए UPPSC ने वरिष्ठ सदस्य कल्पराज सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसमें प्रोफेसर डॉ. राम प्यारे, रिटायर्ड आईएएस योगेश शुक्ल और रिटायर्ड पीसीएस प्रेम प्रकाश पाल शामिल हैं। यह समिति रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके बाद ‘वन डे वन शिफ्ट’ और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लागू करने या हटाने पर निर्णय लिया जाएगा।
परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की हो रही मांग
UPPSC ने पहले RO-ARO परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसंबर की तारीख तय की थी। इस परीक्षा में करीब 10,76,004 अभ्यर्थियों के शामिल होने की उम्मीद थी। लेकिन छात्रों ने परीक्षा के अलग-अलग शिफ्ट में आयोजित होने और नॉर्मलाइजेशन मैथड पर सवाल उठाते हुए इसे “असमान” करार दिया। छात्रों ने ‘वन डे वन शिफ्ट’ की मांग को लेकर लगभग पांच दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया। आखिरकार आयोग ने छात्रों की मांग को गंभीरता से लेते हुए परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लिया और समिति का गठन किया। समिति की रिपोर्ट के बाद ही परीक्षा की नई तारीखों की घोषणा की जाएगी।
छात्रों की प्रमुख मांगें
- ‘वन डे वन शिफ्ट’: छात्रों का कहना है कि अलग-अलग शिफ्ट में आयोजित परीक्षा से सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर नहीं मिलता।
- नॉर्मलाइजेशन हटाने की मांग: छात्रों का आरोप है कि नॉर्मलाइजेशन मैथड के कारण कई बार मेधावी छात्रों के साथ अन्याय होता है।
- पारदर्शिता और निष्पक्षता: छात्रों ने परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने पर जोर दिया।
UPPSC ने अपने बयान में कहा है कि RO-ARO परीक्षा की चयन प्रक्रिया को सुचिता और पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने के लिए समिति सभी पहलुओं का विश्लेषण करेगी। रिपोर्ट जल्द ही प्रस्तुत की जाएगी, और उसी के आधार पर परीक्षा की नई तारीखें तय होंगी। छात्रों की नजरें अब समिति की रिपोर्ट पर टिकी हैं। परीक्षा को लेकर यह विवाद कई महीनों से गर्माया हुआ था। अब देखने वाली बात यह होगी कि आयोग छात्रों की मांगों को कितनी प्राथमिकता देता है।
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आयोग का संदेश
UPPSC ने छात्रों को आश्वासन दिया है कि चयन प्रक्रिया में कोई भेदभाव या त्रुटि नहीं होने दी जाएगी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। आयोग ने यह भी कहा कि परीक्षा में शामिल होने वाले सभी 10 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। RO-ARO परीक्षा का स्थगन छात्रों के विरोध के बाद लिया गया बड़ा कदम है। इससे यह साफ होता है कि आयोग छात्र हितों को ध्यान में रखकर काम कर रहा है। अब नई तारीखें और परीक्षा प्रक्रिया को लेकर छात्रों और अभ्यर्थियों को समिति की रिपोर्ट का इंतजार है।