सहारनपुर संवाददाता: जोगेंद्र कल्याण
UP News: सहारनपुर के एसएसपी डॉ0 विपिन ताडा ने बताया कि प्रभारी निरीक्षक जितेन्द्र शर्मा के कुशल नेतृत्व में आज मुखबिर की सूचना पर थाना सदर बाजार व स्वाट/सर्विलांस सेल की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाह करते हुए घटना घटित होने के 36 घण्टे के भीतर दोहरे हत्याकाण्ड का सफल अनावरण करते हुए घटना कारित करने वाले एक शातिर अभियुक्त हत्यारोपी बहार आलम गाडा पुत्र लियाकत को चुनहेटी अन्डर बाईपास से गिरफ्तार किया गया। जिसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त सैन्ट्रो कार व दोनों मृतको के 02 मोबाइल फोन बरामद किया गया।
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हत्यारोपी ने बताया पूरा मामला
गिरफ्तार हत्यारोपी बहार आलम ने बताया कि कि मेरा करीब 12-13 वर्ष से होमगार्ड श्रीराम उर्फ मिन्टू के घर पर आना जाना था। श्रीराम भी मेरे घर आता जाता रहता था। श्रीराम के एकमात्र बेटे ने वर्ष 2023 मे आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद अब श्रीराम अपना परिवार आगे बढाने के लिए दूसरी शादी के लिए प्रयास कर रहा था। इस बात पर इसका अपने घर में विवाद भी चल रहा था। मैंने करीब 05 साल पहले शहजादी से कोर्ट मैरिज की थी। मैं साल 2019 मे एक केस में 06 महीने के लिए जेल चला गया था। मेरे जेल रहने के दौरान श्रीराम के मेरी घरवाली से सम्बन्ध हो गये। फिर श्रीराम अक्सर मेरे घर आता जाता रहता था।
एक दिन मैं व श्रीराम एक साथ शराब पी रहे थे..
आज से करीब 03 माह पूर्व एक दिन मैं व श्रीराम एक साथ शराब पी रहे थे। तो नशे में श्रीराम ने मुझसे कहा कि तेरी घरवाली तेरे लायक नही है तू अपनी पत्नी को मुझे ही दे दे। जिस पर मुझे शक हुआ कि श्रीराम इस तरह की बात क्यों कर रहा है, फिर मुझे जानकारी हो गयी कि श्रीराम व मेरी पत्नी के गलत सम्बन्ध है और मैं, श्रीराम से बदला लेने की योजना बनाने लगा। दिनांक 07.01.2024 को शाम को करीब 06.00 बजे मैंने, श्रीराम को फोन किया था, कि कहाँ हो तो उसने बताया कि मै टेलीफोन एक्सचेंज के पास बिजेन्द्र के आफिस मे बैठा हूँ। जिस पर मै, आईटीआई के सामन दिल्ली रोड से ठेके से शराब लेकर बिजेन्द्र के ऑफिस आ गया।
वहाँ पर पहले से ही बिजेन्द्र और श्रीराम बैठे थे। आफिस पर मैने, श्रीराम व बिजेन्द्र ने शराब पी। श्रीराम पहले से ही शराब के नशे में था शराब पीने के दौरान श्रीराम की घरवाली आ गयी वहाँ पर श्रीराम की घरवाली जोर-जोर से चिल्लाने लगी, फिर श्रीराम अपनी पत्नी को साथ लेकर अपने घर ज्वालाजी एक्सटेंशन चला गया। पीछे-पीछे मै अपनी सेन्ट्रो कार से श्रीराम के घर पहुंच गया। कमरे मे गया तो श्रीराम व उसकी पत्नी आपस मे जोरजोर से लड़ रहे थे।
श्रीराम को ठिकाने लगाने के इरादे से उसेक सिर पर ईट मार दी
इसी झगड़े में श्रीराम की पत्नी को चोट लग गयी तभी मैने भी श्रीराम को ठिकाने लगाने के इरादे से पास पड़ी ईट उसेक सिर पर मार दी। यह देख इसकी पत्नी चिल्लाने लगी तो मैनें उसके भी सिर पर एक वार कर दिया। जिससे वो भी बेहोश होकर गिर गयी और उसकी भी मौत हो गयी। फिर मैने दोनों को ठिकाने लगाने के बारे में दोनों के शव छुपाने के इरादे से दूर-दूर डालने का प्लान बनाया फिर मैंने श्रीराम को अपनी कार की डिग्गी मे डाल लिया और उसकी पत्नी को पीछे वाली सीट पर खींचकर डाल लिया।
श्रीराम की पत्नी किरण की डैडबाडी को मैंने भोजपुर के जंगल में समुन्द्रशोक मे डाल दिया जोकि मे ननिहाल दादहेडू के पास था। फिर मैं सेन्ट्रो कार से पंजाब की ओर जाने लगा मैंने सोचा कि श्रीराम का शव भागडा नागल नहर मे डाल दूंगा, जहाँ मैं पहले पानीपत मण्डी में काम कर चुका था। लेकिन रास्ते मे मुझे बिटोरा दिखायी दिया मैने सुनसान बिटोर देख श्रीराम की लाश बिटोरे मे डालकर गोसे ऊपर से रखकर फूस पत्ती रखकर माचिस से आग लगा दी और मौके से उठाया हुआ डंडा व खून में सनी अपनी शर्ट को बिटोरे में ही आग में डाल दिया था।
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