Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ श्रद्धालुओं का भारी संख्या में आना जाना लगा हुआ है। वहीं, बागेश्वर धाम के बाबा धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा यह दावा किया गया कि महाकुंभ में अब तक 60 करोड़ लोग पहुंचे हैं, जिस पर पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पप्पू यादव ने बाबा धीरेन्द्र शास्त्री के दावे को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि हम ऐसे बाबा को बंदर मानते हैं, जो गरीबों और जनता के बारे में बिना सोचे कुछ भी बोल देते हैं।
पप्पू यादव ने बागेश्वर बाबा पर साधा निशाना

पप्पू यादव ने मीडिया से बात करते हुए धीरेन्द्र शास्त्री के इस दावे को नकारते हुए कहा कि “जब बागेश्वर और उसके माता-पिता भी पैदा नहीं हुए थे, तब से कुंभ मेला चलता आ रहा है। इन लोगों को कुंभ का क्या पता?” उन्होंने आगे कहा कि बागेश्वर बाबा जैसे लोग समाज में झूठ फैलाते हैं और जनता को गुमराह करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के बाबाओं की चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है।
महाकुंभ में 60 करोड़ लोगों के स्नान का दावा गलत

पप्पू यादव ने कहा कि भारत की कुल आबादी करीब 140 करोड़ है, जिसमें से 23-24 करोड़ लोग विभिन्न धर्मों के हैं, जैसे जैन, बुद्ध, सिख, मुस्लिम और आंबेडकरवादी विचारधारा के लोग। उन्होंने यह सवाल उठाया कि अगर 60 करोड़ लोग महाकुंभ में स्नान करने गए हैं तो बाकी 80 करोड़ लोग कहां हैं? पप्पू यादव ने कहा कि अगर ये दावा सच होता तो साउथ इंडिया से लोग क्यों नहीं आते? उन्होंने महाकुंभ में स्नान करने वाले लोगों के आंकड़ों को डिजिटल आंकड़े बताते हुए इसे महापाप और महाझूठ कहा।
पप्पू यादव ने उठाए सवाल, कहा- “किसने गिना इन लोगों को?
पप्पू यादव ने सवाल किया कि वह कौन डिजिटल ताकत है जो महाकुंभ में स्नान करने वाले लोगों की संख्या गिन रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जिनकी मौत का पता नहीं चला, उनका क्या? पप्पू यादव ने इस तरह के दावों को बईमानी और सनातन धर्म को बदनाम करने की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म पहले से ही मजबूत है, लेकिन कुछ बाबाओं और राजनीतिक नेताओं की वजह से इस धर्म की छवि खराब हो रही है।
पप्पू यादव का सनातन धर्म पर बयान

पप्पू यादव ने आगे कहा कि सनातन धर्म पूरी दुनिया को आकर्षित करता है, लेकिन कुछ तथाकथित बाबाओं और नेताओं के झूठ के कारण इसका नाम खराब किया जा रहा है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि इस तरह की झूठी बयानबाजी सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाती है और इसका फायदा सिर्फ उन लोगों को होता है, जो अपनी राजनीतिक और व्यक्तिगत लाभ के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।