Ayodhya: 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है जिससे वो भाजपा के निशाने पर आ गए हैं.हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने राम मंदिर पर सवाल खड़े किए हैं उन्होंने कहा कि,6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना हमेशा लोगों के जेहन में रहेगी.ओवैसी ने आगे कहा कि,राम मंदिर को केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाने की कोशिश करेगी।
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ओवैसी ने राम मंदिर निर्माण पर उठाया सवाल
एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने राम मंदिर और केंद्र की मोदी सरकार पर अपना निशाना साधते हुए कहा है,असल मुद्दा बेरोजगारी है,महंगाई का है,चीन ने जमीन हड़प ली है लेकिन राम मंदिर को प्रमुख मुद्दा बनाया जा रहा है औवैसी ने राम मंदिर पर वो सुप्रीमकोर्ट के फैसले को मानते हैं। मथुरा के शाही ईदगाह को कृष्ण मंदिर घोषित करने की मांग को लेकर भी ओवैसी ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है.ओवैसी ने कहा,प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट संसद का बनाया हुआ है.मोदी सरकार क्यों नहीं कहती है कि हम इस पर स्टैंड करते हैं?6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद को किसने शहीद किया? ये मुद्दा जिंदगी भर का रहेगा।
संसद में मुस्लिम प्रतिनिधियों को बढ़ाने की मांग
राम मंदिर निर्माण को लेकर एक सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा कि अगर मस्जिद को आप शहीद नहीं करते तो कोर्ट का फैसला क्या आता? 6 दिसंबर तो एक फैक्ट है.क्या हम चाहेंगे कि दोबारा 6 दिसंबर हो? दूध का जला छाछ को भी फूंक फूंककर पीता है।ओवैसी ने संसद में मुस्लिम प्रतिनिधियों की संख्या को बढ़ाने की भी मांग की.उन्होंने कहा कि,राजनीति में हर समुदाय और हर कास्ट का प्रतिनिधित्व है तो मुस्लिम 14 फीसदी हैं और सिर्फ 5 फीसदी सांसद क्यों हैं?उन्होंने कहा मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व बढ़ना चाहिए।
सीएए और एनाआरसी को ओवैसी ने काला कानून बताया है उन्होंने कहा कि,ये मजहब के आधार पर बन रहा है.इसका इस्तेमाल मुस्लिम और दलित के खिलाफ होगा.तेलंगाना विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया था.हम सीएए और एनआरसी के खिलाफ पहले भी थे और आगे भी इसके खिलाफ रहेंगे।
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