महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) 2025, भगवान शिव की पूजा और उपासना का विशेष दिन है, जिसे पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा की जाती है, जो भगवान शिव के प्रमुख रूप माने जाते हैं। इन 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। महाशिवरात्रि पर इन ज्योतिर्लिंगों की पूजा का महत्व अत्यधिक होता है और इसे लेकर भक्तों में विशेष श्रद्धा होती है।
12 ज्योतिर्लिंगों की अद्भुत महिमा

Mahashivaratri 2025यह गुजरात के सोमनाथ में स्थित है और इसे भगवान शिव का ‘आदि ज्योतिर्लिंग’ माना जाता है। यह पहले ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजित है और इसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत अधिक है।
मल्लिकार्जुन (Mallikarjuna) – यह आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में स्थित है। यहां भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की पूजा भी की जाती है। यह स्थान भक्तों के लिए अत्यधिक पवित्र है।
महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) – यह मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है और यहाँ भगवान शिव के महाकाल रूप की पूजा होती है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है और यह स्थान कई धार्मिक अनुष्ठानों का केंद्र है।
ओंकारेश्वर (Omkareshwar) – यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। ओंकारेश्वर का नाम ओंकार से लिया गया है और इसे एक विशेष आध्यात्मिक केंद्र माना जाता है।
केदारनाथ (Kedarnath) – यह उत्तराखंड में स्थित है और यह 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊँचाई पर स्थित है। केदारनाथ का मंदिर बर्फीली पहाड़ियों के बीच स्थित है, जो इसे एक विशेष धार्मिक स्थल बनाता है।
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भीमाशंकर (Bhimasankar) – यह महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित है। यहाँ का ज्योतिर्लिंग महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से पूजा जाता है और यह स्थान भक्तों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) – यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है और यह भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। काशी का यह ज्योतिर्लिंग धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व रखता है।
रामेश्वर (Rameshwar) – यह तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित है। रामेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान राम से जुड़ा हुआ है और यह स्थान रामायण से संबंधित महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा हुआ है।
नागेश्वर (Nageshwar) – यह गुजरात के द्वारका में स्थित है और समुद्र के किनारे स्थित यह ज्योतिर्लिंग विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यहां की पूजा का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है।

धारेश्वर (Dharreshwar) – यह महाराष्ट्र के सांगली जिले में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से पूजा जाता है और भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
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वाराहेश्वर (Varaheswar) – यह मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित है। यहाँ भगवान शिव के वराह रूप की पूजा होती है और यह स्थान भक्तों के लिए अत्यधिक पवित्र है।
त्र्यंबकेश्वर (Trimbakeshwar) – यह महाराष्ट्र के त्र्यंबक में स्थित है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के त्र्यंबक रूप की पूजा का स्थल है और यह शक्ति और धर्म का प्रतीक माना जाता है।