गाजियाबाद संवाददाता: प्रवीन मिश्रा
Ghaziabad: गाजियाबाद के थाना लोनी बॉर्डर पुलिस ने दसवीं पास आलोक नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया है। आलोक ने अपने घर के पास बने स्कूल की मालकिन के बेटे से रंगदारी वसूली थी। महज 10वीं पास आलोक ने गूगल और यूट्यूब से इंटरनेशनल इंटरनेट कॉलिंग सीखी और उसके बाद रंगदारी वसूली। पुलिस ने 11 दिन बाद आरोपी को गिरफ्तार कर रंगदारी के पैसे बरामद किए हैं।
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कैसे होती है इंटरनेशनल इंटरनेट कॉलिंग ?
गाजियाबाद में एसीपी अंकुर विहार रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि आजकल ऐसे कई सॉफ्टवेयर मौजूद है जिन पर दूसरे देश का आईपी एड्रेस और नंबर मौजूद रहता है। इन सॉफ्टवेयरोन पर जाकर आप किसी भी देश का नाम और नंबर चुन सकते हैं। उसके बाद जब आप अपने ही नंबर से किसी दूसरे व्यक्ति को इंटरनेट कॉलिंग करेंगे तो कॉल रिसीव करने वाले व्यक्ति के पास उसी देश की आईडी और उसी देश का नंबर आएगा जो आपने चुना है। इन नंबरों को ट्रेस करना बेहद मुश्किल होता है। एसीपी अंकुर विहार रवि प्रकाश के मुताबिक 20 दिसंबर को जब आलोक ने रंगदारी मांगी थी तभी से साइबर टीम रोजाना चार से पांच अटेम्प्ट कर रही थी और आखिरकार 11 दिन बाद पुलिस को सफलता मिली है।
पुलिस ने वसूले रंगदारी के पैसे
एसीपी अंकुर विहार रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि आरोपी आलोक मुख्य रूप से हरदोई का रहने वाला है और फिलहाल गायत्री विहार थाना लोनी बॉर्डर क्षेत्र में रह रहा है। इसके घर के पास ही ग्रीनलैंड पब्लिक स्कूल है। आलोक जानता था कि इनको धमकाने से पैसे मिल सकते हैं। इसीलिए उसने स्कूल की मालकिन संतोष शर्मा के बेटे दीपेश शर्मा को 20 दिसंबर को फोन करके 25 लख रुपए की सुपारी मांगी। दीपेश की तरफ से मुकदमा लिखा गया था उसके बाद 29 तारीख में दोबारा फोन करके आलोक ने दीपेश से 50 हजार वसूले थे। पुलिस ने 31 दिसंबर को दीपेश को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने रंगदारी के वसूले गए 50 हजार रुपए में से 46 हजार 400 रुपए और वारदात में इस्तेमाल हुआ मोबाइल तमंचा और कारतूस बरामद किए हैं।
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