Dev Deepawali 2024: वाराणसी में देव दीपावली का भव्य आयोजन इस बार और भी खास रहा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने काशी पहुंचकर नमो घाट का लोकार्पण किया और मुख्य अतिथि के रूप में 11 लाख दीपों का प्रज्ज्वलन किया। इस दौरान गंगा आरती का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। उपराष्ट्रपति के साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस पावन अवसर के साक्षी बने।
काशी की सूरत बदलने पर सीएम ने पीएम मोदी को दिया श्रेय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “यह मेरे लिए सौभाग्य का क्षण है कि मैं देव दीपावली के इस दिव्य आयोजन का हिस्सा हूं।” उन्होंने सबसे पहले गुरुनानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व और जनजातीय गौरव दिवस पर बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी।
सीएम ने कहा कि बीते दस वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से काशी की पहचान वैश्विक स्तर पर पहुंची है। उन्होंने गंगा जल की स्वच्छता पर जोर देते हुए कहा, “पहले गंगा का जल स्नान के लिए भी असुरक्षित माना जाता था। लेकिन नमामि गंगे परियोजना के तहत किए गए प्रयासों के कारण आज गंगा का जल आचमन योग्य हो गया है।”
सीएम ने नमो घाट को काशी की जनता द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार का प्रतीक बताते हुए कहा, “पहले यह क्षेत्र गंदगी और अंधकार से भरा रहता था, लेकिन अब यह दुनिया का सबसे सुंदर और भव्य घाट बन चुका है।” उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का जिक्र करते हुए बताया कि जहां पहले 50 श्रद्धालु भी दर्शन नहीं कर पाते थे, अब 50 हजार से ज्यादा लोग यहां आ सकते हैं।
“धरती जहां की पारस है, नाम उसका बनारस है”
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संबोधन की शुरुआत “नमो पार्वती पतये, हर-हर महादेव” के जयकारे से की। उन्होंने कहा कि काशी भारतीय सनातन परंपरा और संस्कृति का प्रतीक है। उन्होंने नमो घाट को दुनिया का सबसे बड़ा घाट बताते हुए कहा कि “भारत आज अपनी संस्कृति और परंपरा के साथ तेज़ी से विकास की ओर बढ़ रहा है।” उपराष्ट्रपति ने कहा, “काशी सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक जीवंत परंपरा है। यहां के घाट, यहां की गंगा आरती और यहां का वातावरण हर किसी को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देता है।”
देव दीपावली पर उमड़ा जनसैलाब
देव दीपावली के इस अवसर पर काशी के 84 घाटों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। गंगा आरती के दौरान श्रद्धालुओं का जनसैलाब देखने लायक था। देश के कोने-कोने से आए पर्यटकों ने दीपों की जगमगाहट और गंगा की महाआरती का आनंद लिया। घाटों पर भक्तिभाव की भव्यता देखते ही बन रही थी। दीपों की रोशनी से पूरा काशी नगरी आलोकित हो उठा। स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ बेकाबू हो गई। कई लोग बैरिकेडिंग को पार कर आगे बढ़ते देखे गए।
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नमो घाट बना आधुनिकता और परंपरा का संगम
देव दीपावली के इस अवसर पर नमो घाट का लोकार्पण एक नई शुरुआत की प्रतीक बना। यह घाट आधुनिकता और पारंपरिक मूल्यों का अद्भुत संगम है। यहां की भव्यता और संरचना श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, “नमो घाट न केवल काशी बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक पहचान को विश्व स्तर पर ले जाने का प्रयास है।”
काशी में दिखा भक्ति का अद्वितीय उत्सव
देव दीपावली पर काशी में दिव्यता और भक्ति का संगम देखने को मिला। दीपों की झिलमिलाहट, गंगा की महिमा और गूंजते हुए हर-हर महादेव के जयकारे ने हर किसी को भावविभोर कर दिया। काशी की यह देव दीपावली केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और अध्यात्म की अनोखी झलक है। उपराष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, और लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में यह आयोजन भारतीय परंपरा और आधुनिकता का अनूठा मेल साबित हुआ।