Bombay High Court: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2021 के चर्चित रेप केस मामले में आरोपी को जमानत दे दी।दरअलस हाईकोर्ट ने जुहू चौपाटी पर एक चट्टान के पीछे एक घरेलू सहायिका के साथ बलात्कार के आरोपी चौकीदार को जमानत दी है। वहीं महिला से कथित रेप के मामले में आरोपी सिक्युरिटी गार्ड को शर्तों के साथ जमानत दी गई है।दरअसल ये घटना 2021 का है , जहां रेप का आरोपी एक बिल्डिंग में चौकीदार था। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि 14 मई 2021 को चौकीदार उसे जुहू चौपाटी ले गया। वहां उसने छेड़छाड़ की। विरोध करने पर गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी दी। आरोपी उसे चट्टान के पीछे ले गया, जहां लोगों की मौजूदगी में कथित रूप से उसका रेप किया।
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रेप आरोपी को मिली जमानत
आरोपी को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि-” कोई भी व्यक्ति इस बात पर विश्वास नहीं करेगा कि भीड़भाड़ वाले जुहू चौपाटी पर ईद-अल-फितर के दिन व्यक्ति पीड़िता से बलात्कार करेगा, साथ ही अदालत ने रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि कथित अपराध के वक्त महिला बालिग थी तो मामले में पॉक्सो एक्ट लगाने का मतलब ही नहीं बनता।अदालत ने आगे कहा कि- भीड़भाड़ वाली जुहू चौपाटी पर दिनदहाड़े आरोपी पीड़िता से रेप नहीं कर सकता, इस मामले में पॉक्सो एक्ट लगाने का सवाल नहीं उठता, क्योंकि कथित अपराध के वक्त पीड़िता बालिग थी।”
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रिपोर्ट और बयान से केस में आया ट्विस्ट
बता दें कि अदालत ने कहा कि- ‘ सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज पीड़िता के बयान से पता चला कि युवती और आरोपी दोस्त थे। इस केस में पॉक्सो लागू करने की कोई आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता की उम्र 18 साल से ज्यादा थी। कोर्ट ने घटना के बारे में महिला के बयान को प्रथम दृष्टया अविश्वसनीय माना। पीड़िता को देखकर यकीन नहीं हो रहा था कि ईद-उल-फितर के दिन जुहू चौपाटी जैसे व्यस्त जगह पर दिन के उजाले में आरोपी ने जबरन यौन उत्पीड़न किया होगा। यह किसी भी व्यक्ति के लिए विश्वास से परे है। इस केस में पीड़िता की उम्र पता लगाने के लिए मेडिकल जांच की गई, जिसकी रिपोर्ट अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में पेश किया था। अदालत ने माना कि पीड़िता की रेडियोलॉजिकल उम्र 19 से 20 वर्ष के बीच थी।
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तीन साल पुराना मामला
वहीं इस मामले में बांगुर नगर पुलिस ने आईपीसी की धारा 376, 354, 354(डी) और 506 और पॉक्सो के तहत मुकदमा दर्ज किया था। आरोपी 25 जून 2021 से जेल की सलाखों में बंद था। इसकी सुनवाई पिछले तीन साल से चल रही थी। 22 मार्च को हाईकोर्ट ने 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर शर्तों के साथ जमानत दे दी। आरोपी को पुलिस स्टेशन और अदालत की सुनवाई में अनिवार्य उपस्थित रहने की हिदायत भी दी गई है। कोर्ट ने साफ किया कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित करने की स्थिति में जमानत रद्द कर दी जाएगी।