केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम लीग मसरत आलम गुट को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है.केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है कि,जम्मू-कश्मीर में सक्रिय मुस्लिम लीग आतंकवाद विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहता है.मुस्लिम लीग संगठन और इसके सदस्य लोगों को उकसाने और जम्मू-कश्मीर में इस्लामी सत्ता स्थापित करने की मंशा रखते थे। ये संगठन देश की एकता,संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा पैदा कर रहा था इसलिए इसको बैन कर दिया गया है।
‘देश की एकता,अखंडता और संप्रभुता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं’
आपको बता दें कि,केंद्र की मोदी सरकार ने इससे पहले पीएफआई पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था.मोदी सरकार देश में किसी भी तरह के आतंकवाद और आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करती है.जिसको लेकर गृह मंत्री अमित शाह का भी कहना है कि,भारत की एकता,संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.उन्होंने कहा कि,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की इस पर साफ मंशा है कि,राष्ट्र की एकता,संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वालों को बख्शा ना जाए इसका जो भी दोषी होगा उसे कानून के कड़े नियमों का सामना करना पड़ेगा।
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मसरत आलम गुट पर UAPA के तहत कार्रवाई हुई…
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी है और बताया कि,जम्मू-कश्मीर में एक्टिव मुस्लिम लीग मसरत आलम गुट पर UAPA के तहत कार्रवाई की गई है।जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह जिलानी की मौत के बाद 2021 में हुर्रियत के अलगाववादी दलों के गठबंधन गठबंधन ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस ने मसरत आलम को हुर्रियत कांफ्रेंस का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था.मसरत आलम 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.मसरत आलम पर एनआईए ने आंतकी फंडिंग मामले में केस दर्ज किया है.मसरत आलम जम्मू-कश्मीर मुस्लिम लीग संगठन को करीब एक साल से चला रहा था इसकी गतिविधियों के ऊपर सुरक्षा खुफिया एजेंसियां लंबे समय से नजरें बनाई हुई थी।
गृह मंत्रालय ने देश में अबतक 42 संगठनों को आतंकी संगठन घोषित किया है.आतंकी संगठन घोषित होते ही गृह मंत्रालय ने इन पर बैन लगा दिया है.इनमें कई खालिस्तानी संगठन,लश्कर-ए-तैयबा,जैश-ए-मोहम्मद,लिट्टे और अलकायदा जैसे 2 संगठन शामिल हैं।