पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका निधन देशभर में शोक की लहर लेकर आया। दिल्ली में उनका निधन हुआ, और इस दुखद घटना के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों ने गहरी संवेदना व्यक्त की।
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एक सप्ताह मनाया जाएगा राष्ट्रीय शोक
केंद्र सरकार ने 27 दिसंबर को सभी निर्धारित सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए। इसके अलावा, पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में 26 दिसंबर से 1 जनवरी तक एक सप्ताह की राष्ट्रीय शोक अवधि घोषित की गई है। इस दौरान शोक व्यक्त करने के लिए सभी सरकारी और आधिकारिक कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है। कांग्रेस पार्टी ने भी अपने सभी आधिकारिक कार्यक्रमों को अगले सप्ताह के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया है, ताकि वे इस शोक अवधि में एकजुटता दिखा सकें।
अंतिम संस्कार प्रक्रिया में देरी का कारण
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार में देरी का कारण उनकी बेटी का दिल्ली पहुंचना है, जो अमेरिका में रहती हैं। वह शुक्रवार देर रात दिल्ली पहुंचेंगी, इसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह परंपरा है कि परिवार के सदस्य अंतिम संस्कार में मौजूद रहें, इसलिए इसे शनिवार के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है।अंतिम संस्कार के दौरान, डॉ. सिंह के पार्थिव शरीर को पहले कांग्रेस मुख्यालय में रखा जाएगा, जहां जनता और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने का मौका मिलेगा।
इसके बाद शव यात्रा श्मशान घाट के लिए रवाना होगी। डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली के पारंपरिक स्थान राजघाट पर होने की संभावना है, जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए होता है।सरकारी प्रोटोकॉल के अनुसार, उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लपेटा जाएगा और 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। राष्ट्रीय शोक की अवधि के दौरान, राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई सार्वजनिक या सरकारी समारोह आयोजित नहीं होगा।

क्या बनेगा मनमोहन सिंह का स्मारक
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद, यह चर्चा की जा रही है कि उनका एक स्मारक दिल्ली के राजघाट के पास बनाया जा सकता है। हालांकि, इस संबंध में आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है, लेकिन उनके योगदान और देश की सेवा को देखते हुए, यह संभावना जताई जा रही है कि सरकार उनके सम्मान में एक स्मारक बनाने पर विचार कर सकती है। राजघाट, जो महात्मा गांधी का समाधि स्थल है, एक महत्वपूर्ण स्थान है और कई प्रमुख हस्तियों के समाधियों या स्मारकों का स्थल भी रहा है। अगर मनमोहन सिंह का स्मारक यहां बनता है, तो यह उनके कार्यों और योगदान को याद रखने का एक तरीका हो सकता है, खासकर उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल में किए गए ऐतिहासिक सुधारों और आर्थिक नीतियों को सम्मान देने के लिए।