FMG Internship 2025: विदेश से मेडिकल की पढ़ाई कर भारत लौटने वाले Foreign Medical Graduates (FMGs) के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने दिल्ली मेडिकल काउंसिल (DMC) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें इंटर्नशिप में स्टाइपेंड की अनिवार्यता को हटाने की मांग की गई थी, बशर्ते छात्र अपनी मर्जी से इस सुविधा को छोड़ने को तैयार हों।
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DMC ने NMC को भेजा पत्र
DMC ने 17 अप्रैल 2025 को NMC को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन FMG छात्रों की परेशानियों की ओर ध्यान दिलाया गया था जो स्टाइपेंड से जुड़ी जटिलताओं के कारण अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं कर पा रहे हैं। पत्र में सुझाव दिया गया था कि यदि कोई छात्र अपनी मर्जी से स्टाइपेंड न लेने को तैयार है, तो उसकी इंटर्नशिप प्रक्रिया को तेज करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
NMC ने समीक्षाकर आदेश जारी किया
NMC ने इस प्रस्ताव की समीक्षा कर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि FMGL रेगुलेशंस, 2021 के अनुसार, इंटर्नशिप के दौरान स्टाइपेंड देना राज्यों का विषय है और NMC केवल एक नियामक संस्था के रूप में कार्य करती है। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि कोई छात्र अपनी इच्छा से स्टाइपेंड छोड़ता है, तो उस पर अनिवार्य स्टाइपेंड का नियम लागू नहीं होगा।
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FMG छात्रों को राहत मिलेगी
इस फैसले से दिल्ली में इंटर्नशिप कर रहे हजारों FMG छात्रों को राहत मिलेगी, जो अब बिना स्टाइपेंड के भी अपनी कंपल्सरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप जारी रख सकेंगे। इससे उनकी ट्रेनिंग पूरी करने में हो रही देरी को रोका जा सकेगा और मेडिकल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी।वर्तमान में भारत लौटे कई FMGs इंटर्नशिप की प्रक्रिया में देरी और संस्थानों में स्टाइपेंड विवादों के कारण मानसिक और पेशेवर दबाव झेल रहे थे। इस निर्णय से उन्हें एक विकल्प मिलेगा कि वे ट्रेनिंग को प्राथमिकता देते हुए, स्टाइपेंड का त्याग कर सीधे इंटर्नशिप शुरू कर सकें।