Protest against Waqf Act: वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2023 के खिलाफ देशभर में मुस्लिम संगठनों का विरोध अब तेज होता जा रहा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस अधिनियम को संविधान विरोधी करार देते हुए 30 अप्रैल को रात 9 बजे से 9:15 बजे तक ‘ब्लैकआउट’ यानी घरों की लाइट बंद करने की अपील की है। AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस विरोध को समर्थन देते हुए देश के मुसलमानों और अन्य नागरिकों से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।
सीधा-सीधा संविधान का उल्लंघन-ओवैसी
ओवैसी ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम भारत के संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और वक्फ बोर्डों के स्वशासी कार्य में हस्तक्षेप करता है। उन्होंने कहा, “यह कानून केंद्र सरकार को वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण का अवसर देता है, जो मुसलमानों की धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों की रक्षा के लिए स्थापित की गई थीं। यह सीधा-सीधा संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन है।”
‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ अभियान की घोषणा
AIMPLB ने पहले ही ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ अभियान की घोषणा की थी, जिसके तहत विभिन्न राज्यों में विरोध प्रदर्शन, जनसभाएं, गोलमेज बैठकें और मानव श्रृंखला जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। 20 अप्रैल को हैदराबाद स्थित AIMIM मुख्यालय दारुस्सलाम में आयोजित जनसभा में भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था। ओवैसी ने सभा में कहा था कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती।
रणनीति का ऐलान
AIMPLB ने आगे की रणनीति का भी ऐलान किया है। बोर्ड ने 1 जून को हैदराबाद में एक केंद्रीय धरना प्रदर्शन आयोजित करने की घोषणा की है, जिसमें देशभर के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसके अलावा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में क्षेत्रीय स्तर पर विरोध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
AIMPLB और AIMIM दोनों का कहना है कि यह विरोध किसी विशेष सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि संविधान की रक्षा के लिए है। “हम चाहते हैं कि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा हो और उनका सही उपयोग किया जाए। यह अधिनियम उस उद्देश्य को खतरे में डालता है,” ओवैसी ने कहा।AIMPLB ने नागरिकों से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है और इसे संविधानिक अधिकारों की रक्षा का संघर्ष बताया है।