ओडिशा की राजधानी के एक अस्पताल में एसी ब्लास्ट हुआ। इसमें एक शख्स की मौत की खबर सामने आई। जिसको सुनकर सदमे में आई पत्नी ने आत्महत्या कर ली। लेकिन बाद में पता चला कि पति हॉस्पीटल में जिंदा हो गया।
Odisha News: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में पति की मौत की खबर सुनकर सदमे में आई पत्नी ने आत्महत्या कर ली। लेकिन अब खबर सामने आ रही है, कि जिस शख्स की मौत की खबर सामने आई थी वो जिंदा है, और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा था। संबंधित अस्पताल के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। बता दे कि मरीज का नाम दिलीप सामंतराय बताया जा रहा है। शुक्रवार को अस्पताल प्रबंधन की ओर से इलाजरत व्यक्ति के परिजनों को इस बात की जानकारी दी गई। जिसके बाद से अस्पताल में हड़कंप मच गया है। घटना को लेकर अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को जानकारी दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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AC सर्विसिंग के दौरान हुआ था हादसा…
29 दिसंबर को निजी अस्पताल की छत पर एयर कंडीशन में गैस भरते समय हुए जोरदार धमाका हुआ था, जिसमें दिलीप सामंत राय और ज्योति रंजन मल्लिक सहित चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें यहां हाई-टेक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।चार लोगों में से दो लोगों की जलने से मौत हो गई जबकि दो अन्य का अस्पताल में इलाज चल रहा है। अधिकारियों ने कहा कि सभी चार लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे और उनके चेहरे पहचान में नहीं आ रहे थे।
‘दिलीप को मृत घोषित कर शव सौंपा’
दिलीप के ससुर सदाशिव जेना ने कहा कि 30 दिसंबर को रात 9.30 बजे डॉक्टरों ने दिलीप को मृत घोषित कर दिया। बाद में शव हमें सौंप दिया। अगली सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव लाकर अंतिम संस्कार किया। अस्पताल अधिकारियों ने हमें बताया कि शव दिलीप का था। इसलिए उसकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली। अस्पताल की लापरवाही और निकम्मेपन के कारण एक और मासूम की जिंदगी खत्म हो गई। इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इसका पता लगाने और हमें न्याय दिलाने के लिए उचित जांच शुरू की जानी चाहिए।
मामले की जांच करेगी पुलिस…
दूसरी ओर, मल्लिक के परिजन, जिन्हें उनके ठीक होने की उम्मीद थी, अब उनके शव की मांग कर रहे हैं। लेकिन अस्पताल के अधिकारियों ने उनका शव सामंतराय के परिवार को सौंप दिया है और उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। डॉक्टरों ने कहा कि भ्रम की स्थिति इसलिए थी क्योंकि विस्फोट के कारण व्यक्तियों के चेहरे पहचान में नहीं आ रहे थे। भुवनेश्वर के डीसीपी प्रतीक सिंह ने कहा कि एसीपी रैंक का एक अधिकारी मामले की जांच करेगा। उन्होंने कहा, ‘अभी तक हमें चिकित्सकीय लापरवाही का कोई मामला नहीं मिला है। लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उनकी पहचान ठेकेदार ने की है।’