Ayodhya News : 22 जनवरी 2024 का दिन इतिहास के पन्नों में लिख गया है। 500 सालों के लंबे इंतजार के बाद प्रभु श्री राम भव्य मंदिर में विराजमान किए जा चुके है। रामभक्तो के लिए मंदिर के दरवाजे खोल दिए गए है। प्रभु श्री राम के दर्शन के लिए सभी रामभक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।इस बीच राम मंदिर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है।
दरअसल रामलला की मूर्ति को ‘बालक राम’ के नाम से जाना जाएगा। रामलला का नाम ‘बालक राम’ इसलिए रखा गया है क्योंकि भगवान पांच वर्ष के बच्चे के रूप में खड़ी मुद्रा में स्थापित किए गए हैं,प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े एक पुजारी अरुण दीक्षित ने बताया कि भगवान राम की मूर्ति, जिसका अभिषेक 22 जनवरी को किया गया था उसका नाम ‘बालक राम’ रखा गया है।
Read more : LPG गैस से भरा हुआ टैंकर पलटने से इलाके में दिखी दहशत, हाइवे पर मची भगदड़…
पुजारी अरुण दीक्षित लगभग 50-60 प्राण प्रतिष्ठा कर चुके….
बता दें कि भगवान राम की मूर्ति का नाम ‘बालक राम’ रखने का कारण यह है कि वह एक बच्चे की तरह दिखते हैं, जिनकी उम्र पांच साल है, यह जानकारी प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े पुजारी अरुण दीक्षित ने दी, इस दौरान उन्होंने कहा कि – ” पहली बार जब मैंने मूर्ति देखी, तो मैं रोमांचित हो गया, मेरी आंखों से आंसू बहने लगे, उस समय मुझे जो अनुभूति हुई, उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता”।वाराणसी के पुजारी अरुण दीक्षित लगभग 50-60 प्राण प्रतिष्ठा कर चुके हैं, उन्होंने कहा आगे कहा कि- “अब तक किए गए सभी अभिषेकों में से, यह मेरे लिए सबसे अलौकिक, दिव्य और सर्वोच्च है,” दीक्षित ने बताया कि उन्हें मूर्ति की पहली झलक 18 जनवरी को मिली थी।
Read more : भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हुए हमले के विरोध में रहली कांग्रेस ने दिया ज्ञापन..
मनीष त्रिपाठी ने तैयार किया..
वहीं राम लला के ‘अंगवस्त्रम’ को शुद्ध सोने की ‘जरी’ और धागों से सजाया गया है, जिसमें शुभ वैष्णव प्रतीक जैसे ‘शंख’, ‘चक्र’, ‘पद्म’ और ‘मयूर’ शामिल हैं, इसके अलावा रामलला के आभूषण अंकुर आनंद के लखनऊ स्थित हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स द्वारा तैयार किए गए हैं, वहीं, रामलला के वस्त्रों को दिल्ली स्थित डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने तैयार किया है।