UPNEWS : जिला अस्पताल में सुदृढ़ व्यवस्थाओं को लेकर अस्पताल प्रशासन समय-समय पर दावे करता रहता है। परंतु ज्यादातर मौकों पर यह दावे खोखले साबित होते दिखाई पड़ते हैं। कई बार मरीजों की सुविधाओं और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन रियालिटी में वह ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर ही साबित होते हैं। ऐसा ही कुछ जिला अस्पताल में देखने को मिला।जी हां मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री लगातार स्वास्थ्य व्यवस्था और महकमें को सुदृढ़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे, उनकी तरह से हर सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं। सारे उपकरण और मशीन भी लाई गई है, ठंड के हिसाब से मरीजों के लिए हीटर सहित कंबल जैसी कई सुविधाएं दी जा रही हैं।
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व्यवस्था कराए जाने की बात कह कर संतुष्टि जताई..
बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग क्या कर रहा है? इसकी एक बानगी जिला अस्पताल में देखने को मिली जब गोरखपुर जिला अस्पताल में रविवार को मीडिया द्वारा रियलिटी चेक किया गया तो अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों और तीमारदारों से बातचीत और मौके पर पहुंचकर जो कुछ देखा गया वह एक दिन पहले ही एसआईसी द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद जो दावे किए गए थे, वह कहीं ना कहीं खोखले साबित होते दिखाई दिए, एक दिन पहले ही एसआईसी ठाकुर ने सभी वार्डों का निरीक्षण किया था और हर वार्ड में रूम हीटर सहित गर्म पानी की व्यवस्था कराए जाने की बात कह कर संतुष्टि जताई थी।
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60 बेड़ों के वार्ड में कुल 2 हीटर..
उनके अनुसार मरीजों को कंबल भी उपलब्ध कराया गया था, निरीक्षण के समय तो कुछ हद तक स्थिति ठीक-ठाक दिखाई दी थी लेकिन अगले ही दिन सारे दावे खोखले साबित होते दिखाई दे रहे थे। क्योंकि 40 बेड़ों के वार्ड में मात्र एक हीटर जलता हुआ दिखाई दिया तो वहीं 60 बेड़ों के वार्ड में कुल 2 हीटर, जबकि वार्ड के स्टाफ के केबिन में दो हीटर रखे दिखाई दे रहे थे। जो कहीं ना कहीं इस कहावत को चरित्र्ध कर रहे थे कि ऊंट के मुंह में जीरा, जहां इतने मरीज भर्ती हो और इस सर्द भरी रातों में एक हीटर या दो हीटर से कैसे काम चल पाएगा या तो अस्पताल प्रशासन ऐसे दावे ना करें और यदि ऐसा करता है तो दावों पर खरा उतरना चाहिए।
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रैन बसेरा का निरीक्षण किया..
वहीं वार्ड में भर्ती मरीज और उनके तीमारदारो से जब बात की गई तो उनका कहना था कि इलाज तो कुल मिलाकर ठीक-ठाक ही है। लेकिन जिन व्यवस्थाओं की बात आप कर रहे हैं वह यहां बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रही। हीटर की स्थिति आप देख सकते हैं, गर्म पानी तो बिल्कुल भी नहीं है। वही जब अस्पताल प्रशासन के दावों के अनुसार अस्पताल में उपस्थित रैन बसेरा का निरीक्षण किया गया तो वहां ताला लगा मिला।
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कंब सभी मरीजों को उपलब्ध कराये..
हालांकि सूचना पट्ट पर यह लिखा हुआ था कि जिन किसी भी तीमारदार को इसकी जरूरत हो तो वह यहां उपस्थित या ऑन ड्यूटी चिकित्सा अधिकारी से मिलकर इसकी चाबी प्राप्त कर सकता है। जबकि देखने पर पाया गया की बेड तो है, लेकिन वहां एक भी तीमारदार मौजूद नहीं था। आखिर यह क्या साबित करता है? और जब इस बाबत मरीजों एवं उनके तीमारदार से पूछा गया तो उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी की ऐसी कोई सुविधा भी यहां उपलब्ध है।जिला चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ राजेंद्र ठाकुर का कहना था कि अस्पताल में सारी सुविधाएं उपलब्ध है। शासन की तरफ से मरीज के लिए हीटर और गर्म पानी उपलब्ध कराए गए हैं। कंबल भी सभी मरीजों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं।