Shramjeevi Express Train Blast: साल 2005 में श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट के अंजाम दिया गया था। जिसमें 14 लोग मारे गए थे, 62 लोग घायल हुए थे। अब 18 साल बाद जाकर विस्फोट में मारे गए लोगों को इंसाफ मिला है। 3 ताऱीख दिन बुधवार को दोनों दोषियों को न्यायालय में पेश किया गया,उस पल वहां मौजूद सभी को ये इंतजार था कि आखिर न्यायाधीश क्या सजा सुनाएंगे।
read more: पिता ने नाबालिग बेटी को बनाया अपना हवस का शिकार..
दोनों दोषियों को मिली फांसी की सजा
न्यायालय के कटघरे में तकरीबन 57 मिनट खड़े दोनों दोषी खड़े रहे, जिसके बाद न्यायाधीश राजेश कुमार राय ने सजा-ए-मौत सुना दी। इसके साथ ही अलग-अलग धाराओं में जुर्माना भी लगाया। जैसे ही न्यायाधीश ने सजा सुनाई दोनों दोषी एक दूसरे को देखने लगे। इस दौरान पूरे न्यायालय परिसर में बहुत ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। जिले की अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की कोर्ट ने 2005 को हुए बम विस्फोट के मामले में कोर्ट ने दो अरोपियो को दोषी सिद्ध होने पर मृत्यु दंड की सजा के साथ 5- 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
बता दे कि यूपी की जौनपुर कोर्ट में यह फैसला सुनाया गया है। आपको बता दे कि विस्फोट हमले में बांग्लादेशी आरोपी हिलाल उर्फ हेलालुद्दीन व बंगाल के नफीकुल विश्वास की पत्रावली करीब छह साल से अंतिम बहस में चल रही थी। इस मामले अन्य दोषियों को वर्ष 2016 में ही मृत्युदंड से दंडित किया जा चुका है। इनकी अपील हाईकोर्ट में लंबित है।
साल 2005 में हुआ विस्फोट
18 साल पहले 28 जुलाई साल 2005 तकरीबन शाम 5 बजे यूपी के जौनपुर स्टेशन के पास हुए विस्फोट से पटना-नई दिल्ली ट्रेन का एक डिब्बा फट गया था। अभियोजन पक्ष के मुताबिक कोच के शौचालय में आरडीएक्स रखा हुआ था। आरडीएक्स का इस्तेमाल देश में कई आतंकवादी हमलों में किया गया है, जिसमें जून 2000 का अयोध्या ट्रेन बम विस्फोट भी शामिल है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि जौनपुर में दो युवक सफेद सूटकेस के साथ ट्रेन में चढ़े थे। कुछ ही देर बाद दोनों बिना सूटकेस के चलती ट्रेन से बाहर कूद गए और कुछ मिनट बाद विस्फोट हो गया।
read more: Meera Manjhi: अयोध्या में जिसके घर पहुंचे थे पीएम मोदी उसने अब किसके लिए मांगी नौकरी?