Dr Mohan Bhagwat News : Dr Mohan Bhagwat एक राष्ट्रवादी नेता है, जो कि इन दिनों खूब सुर्खियों में है। RSS प्रमुख Dr Mohan Bhagwat वृंदावन के दौरे पर पंहुचे है, इन दिनों इनका दौरा बहुत खास माना जा रहा है,क्योंकि मोहन भागवत वृंदावन पहुंच कर आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी महाराज से मिले उस दौरान का विडीयो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, इसके साथ ही इस दौरा को एक अलग नजर से भी देखा जा रहा है, और इस कड़ी को लोकसभा चुनाव से भी जोड़ा जा रहा है।
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बता दें कि Dr Mohan Bhagwat इन दिनों अलग अलग जगहों पर दौरा कर रहे है, वहीं इस दौरान वो वृंदावन पंहुच कर महाराज जी से मिले और उनको अपने दिल की बातें बया की उन्होनें महराज से कहा की-( आपकी बातें वीडियो में सुनी थी, तो लगा कि एक बार दर्शन कर लेना चाहिए, इसके साथ उन्होंने आगे कहा, चाह गई, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह आप जैसे लोग कम देखने को मिलते हैं)
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बौद्धिक स्तर सुधरना चाहिए..
महराज जी ने जब उनकी बाते सुनी इस पर उन्होनें कहा कि -(अपने लोगों का जन्म सिर्फ सेवा के लिए हुआ है, व्यवहारिकी और आध्यात्म की सेवा. यह दोनों सेवाएं अति अनिवार्य हैं, हम भारत के लोगों को परम सुखी करना चाहते हैं, तो सिर्फ वस्तु और सेवा से नहीं कर सकते हैं, उनका बौद्धिक स्तर सुधरना चाहिए) इस मुलकात के दैरान महाराज ने समाज का बौद्धिक स्तर गिरता जा रहा है उसको लेकर भी चर्चा की और उन्होनें आगे कहा कि -(आज हमारे समाज का बौद्धिक स्तर गिरता चला जा रहा है, यह बहुत चिंता का बात है, हम सुविधाएं दे देंगे, और विविध प्रकार की भोग सामग्रियां दे देंगे, लेकिन उनके हृदय की मलीनता है, हिंसात्मक प्रवृत्ति है, अपवित्र बुद्धि है, ये जब तक ठीक नहीं होगी, तब चीजें नहीं बदलेंगी।)
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इन तीन चीजों को देखकर बहुत असंतोष होता है
वहीं महराज जी मोहन भागवत से बात चित के दौरान उन्होनें कहा कि( ये जो हमारी नई पिढीं है वहीं देश के रक्षा के लिए आगे आएगें इसके साथ उनहोनें आगे कहा की (अभी जो विद्यार्थी हैं, उन्हीं में कोई एमएलए बनता है,कोई एमपी बनता है, कोई मुख्यमंत्री बनता है, कोई राष्ट्रपति अथवा प्रधानमंत्री बनता है। हमारी शिक्षा सिर्फ आधुनिकता का स्वरूप लेती जाए,यह ठीक नहीं है, व्यभिचार, व्यसन और हिंसात्मक प्रवृत्ति नई पीढ़ी में इन तीन चीजों को देखकर बहुत असंतोष होता है)
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धर्म और देश के लिए लाभदायक नहीं
जिसके बाद उन्होनें भगवान राम और भगवान कृष्ण की बात करते हुए कहा कि हमारे जीवन का लक्ष्य क्या है? हमें जितना भगवान राम, भगवान कृष्ण प्रिय हैं उतना ही भारत देश भी प्रिय है, जिस तरीके से राम भक्त और कृष्ण भक्त हैं, उसी तरीके से भारत का हर भक्त वंदनीय है, लेकिन अब जो मानसिकता बन रही है, वह हमारे धर्म और देश के लिए लाभदायक नहीं है)
Dr Mohan Bhagwat ने कहा कि
इस दौरान महराज जी की बाते सुनकर Dr Mohan Bhagwat ने कहा कि (मैंने 3 दिन पहले नोएडा में एक संबोधन के दौरान यही बातें रखी थीं, आप लोगों से जो सुनता हूं, वही बोलता हूं और वही करता हूं, प्रयास तो हम हमेशा करेंगे, निराशा कभी नहीं होंगे क्योंकि जीना इसी के साथ है और मरना इसी के साथ, हां होगा क्या इसकी चिंता तो मन में आती है)