Sanskriti IAS Coaching News: प्रयागराज प्रशासन ने लोकसेवा आयोग के निकट स्थित संस्कृति IAS कोचिंग को सील कर दिया है। इसे लेकर चर्चा है कि यह कार्रवाई कोचिंग सेंटर द्वारा प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को भोजन, पानी और नाश्ता उपलब्ध कराने की वजह से हुई है। हालांकि, आधिकारिक बयान के मुताबिक़, कोचिंग बिल्डिंग का निर्माण अवैध रूप से किया गया था, जिस कारण इसे सील करने का कदम उठाया गया है।
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अनधिकृत निर्माण में संचालित हो रही थी कोचिंग
प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने इसे अनधिकृत निर्माण बताते हुए बिल्डिंग पर नोटिस लगाया है। नोटिस बोर्ड में स्पष्ट किया गया है कि इस इमारत का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था। लेकिन इसके बाद अब सवाल यह उठ रहे हैं कि सालों से यह इमारत यहां मौजूद थी और काफी समय से इसमें कोचिंग क्लासेस भी चल रही थीं। स्थानीय लोग पूछ रहे हैं कि जब सिविल लाइंस जैसे पाश इलाके में यह अवैध निर्माण हो रहा था, तब प्राधिकरण की नज़र इस पर क्यों नहीं पड़ी? अब, जब छात्र आंदोलन चल रहा है, तो इस समय पर अचानक से कार्रवाई करने का क्या मकसद है?
छात्र आंदोलन से जुड़ने पर कार्रवाई?

कई लोगों का मानना है कि यह कार्रवाई प्रदर्शन (UPPSC Protest) कर रहे छात्रों का समर्थन करने और उन्हें खाना-पानी देने के चलते की गई है। छात्र आंदोलन, जो सरकार के नीतिगत फैसलों के विरोध में हो रहा है, उसमें संस्कृति कोचिंग का सहयोग जुड़ना एक मुख्य कारण बताया जा रहा है। इस पर कई लोगों का मत है कि प्रशासन ने कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई कर यह संकेत दिया है कि सरकार विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
प्रशासन के दावों में और आरोपों में अंतर
प्रशासन का कहना है कि यह एक नियमित कार्रवाई है और अवैध निर्माण के तहत इसे सील किया गया है। मगर शहर में यह चर्चा तेज़ हो रही है कि प्रशासन का यह कदम आंदोलन में हिस्सेदारी का परिणाम है। कई लोगों का मानना है कि यह सरकार की एक रणनीति हो सकती है ताकि भविष्य में अन्य संस्थान और व्यक्ति प्रदर्शनकारियों के समर्थन से दूर रहें।
विकास प्राधिकरण पर भी उठ रहे सवाल
प्रयागराज विकास प्राधिकरण पर यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतने वर्षों तक यह इमारत अनदेखी क्यों रही? वर्षों से कोचिंग चलने के बावजूद अचानक कार्रवाई करना इस ओर इशारा करता है कि शायद यह कदम प्राधिकरण की मजबूरी में उठाया गया। इसके अलावा, विरोध प्रदर्शन को दबाने के इरादे से इस प्रकार की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
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