Rana Sanga Controversy: राज्यसभा में शुक्रवार को एक बड़ा हंगामा देखने को मिला, हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता रामजी लाल सुमन ने राजपूत राजा राणा सांगा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस पर भाजपा (BJP) के सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया और सुमन से बिना शर्त माफी की मांग करने लगे, जिससे सदन की कार्यवाही लगभग 30 मिनट तक स्थगित हो गई। भाजपा के सदस्य खड़े होकर नारेबाजी करने लगे, जिससे सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया।
धनखड़ने ने सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की…

सभापति जगदीप धनखड़ ने राणा सांगा को एक राष्ट्रीय नायक बताते हुए कहा कि उन्होंने बहादुरी से युद्ध लड़ा और उनके खिलाफ की गई टिप्पणी अत्यधिक अपमानजनक और आपत्तिजनक है। धनखड़ ने सभी सदस्यों से संवेदनशील मुद्दों पर बोलते समय सावधानी बरतने और सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की। इसके बाद, उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। रिजिजू ने सुमन के बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे बेहद आपत्तिजनक बताया और कहा कि वह और उनकी पार्टी पूरी तरह से सभापति के बयान से सहमत हैं।
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खड़गे ने कहा…कि हमारी पार्टी देशभक्तों का सम्मान करती है

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनकी पार्टी देश के लिए लड़ने वाले सभी देशभक्तों का सम्मान करती है। हालांकि, खड़गे ने सुमन के घर और संपत्ति पर हमले की निंदा की और कहा कि किसी को भी कानून और व्यवस्था को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि “दलित विरोधी कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” लेकिन खड़गे की यह टिप्पणी स्थिति को और बिगाड़ गई, क्योंकि भाजपा के सदस्यों ने उन पर “अनावश्यक रूप से जाति और दलित कार्ड खेलने” का आरोप लगाया।
राधा मोहन दास ने कहा… अपने बयान पर रहे कायम

भाजपा (BJP) सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि सुमन ने अपने बयान से पीछे हटने का कोई इरादा नहीं जताया और जीवनभर अपने बयान पर कायम रहने की बात कही है। इसे भाजपा ने अपमानजनक बताया और इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करने की चेतावनी दी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी खड़गे की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि सुमन के घर पर हमला कोई जातिगत या धार्मिक मुद्दा नहीं था। उन्होंने खड़गे की इस टिप्पणी को “जातिवादी मोड़ देने की कोशिश” करार दिया और इसे पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया।