Rana Sanga controversy: सपा के राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन के बयान के बाद से राणा सांगा की चर्चा पूरे देश भर में जोरों पर है. ऐसे में जानना अहम हो जाता है कि जिन राणा सांगा को लेकर देश भर में विवाद गहराया हुआ है. अबू आजमी के बाद अब एक और सपा नेता रामजी लाल सुमन ने ऐसा बयान दिया है जिसको लेकर घमासान शुरू हो गया है. राज्यसभा में बोलते हुए रामजी लाल सुमन ने राजपूत शासक राणा सांगा पर विवादित बयान दिया जिसको लेकर एक बार फिर सियासी घमासान शुरू हो गया.
अखिलेश यादव इस बयान का किया समर्थन

देश में औरंगजेब के नाम को लेकर सियासत अभी खत्म नहीं हुई थी कि सपा के एक और नेता ने दूसरी चिंगारी भड़का दी है. पहले अबू आजमी और अब रामजी लाल सुमन… दरअसल रामजीलाल सुमन ने अब राणा सांगा को लेकर ऐसी टिप्पणी कर दी है जिसके बाद से देश में उनको तमाम खिलाफत का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन इसके बाद हद तो तब हो गई. जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बयान का समर्थन कर दिया.उन्होंने रामजी लाल सुमन का समर्थन करते हुए कहा कि रामजीलाल सुमन जी ने इतिहास का कोई पन्ना पलट दिया जिसमें इस तरह का भाव लिखा हुआ होगा…
रामजी लाल सुमन ने दी सफाई

बताते चले कि, बाद में मामले पर सफाई देते हुए रामजी लाल सुमन ने कहा कि उनका किसी को आहत करने का कोई इरादा नहीं था. उन्होंने कहा कि किसी जाति या मज़हब के खिलाफ बोलना उनके खून में ही नहीं है लेकिन रामजी लाल सुमन के इस बयान के बाद से देश भर में विरोध की चिंगारी भड़क चुकी है. तमाम लोग, संगठन और कई सियासतदान भी इस बयान का विरोध कर रहे हैं.
लगातार विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा
आपको बता दे कि, फिलहाल मामले को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. तमाम संगठनों का कहना है कि सपा सांसद को माफी मांगनी चाहिए.इतना ही नहीं राणा सांगा के वंशज भी रामजी लाल सुमन के इस बयान का जमकर विरोध कर रहे हैं.उनका कहना है कि सपा सांसद का ये बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है और जिस तरीके से उन्होंने ये बयान दिया वो तो और ज्यादा गलत है. कुछ लोग सपा अध्यक्ष अखिलेश यदव को उनकी बात याद दिला रहे हैं. जब उन्होंने संसद में बेसिक मुद्दों पर बात करने को कहा था लेकिन अब उन्हीं के सांसद कभी औरंगजेब तो कभी राणा सांगा को लेकर आग की चिंगारी भड़काने का काम कर रहे हैं. फिलहाल देखना दिलचस्प होगा कि मामला आगे चलते हुए क्या रुख पकड़ता है.
भाजपा के नेताओं का समाजवादी पार्टी पर हमला

बताते चले कि, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो लोग बाबर और औरंगजेब को महान मानते हैं और महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, और राणा सांगा जैसे महान व्यक्तित्वों का विरोध करते हैं, उनकी मानसिकता तुष्टिकरण की है। नित्यानंद राय ने कहा कि इस तरह की मानसिकता देश को नुकसान पहुंचा सकती है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की मिट्टी में रहने वाले लोग भारत माता को दुख पहुंचाने की बात कर रहे हैं, जो बेहद निंदनीय है।
नित्यानंद राय ने तुष्टिकरण की मानसिकता पर उठाया सवाल
गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने आगे कहा कि, “देश की जनता ने ऐसे लोगों को सत्ता से दूर कर दिया है और अब उन्हें भ्रष्टाचार, घोटाले और अपराधियों को संरक्षण देने का मौका नहीं मिल रहा है, इसलिए अब ये लोग विदेशी सुरों के साथ सुर मिला रहे हैं। ये लोग विदेशी आक्रांताओं को महान मानकर उनकी पूजा कर रहे हैं, जो कि बहुत लज्जाजनक है।” राय का यह बयान समाजवादी पार्टी के सांसद के बयान पर एक कड़ा प्रहार था।
राणा सांगा के योगदान और विवाद का केंद्र

आपको बता दे कि, राणा सांगा मेवाड़ के राजा थे और भारत के महान योद्धाओं में गिने जाते थे। उनका नाम पानीपत की लड़ाई में उनके संघर्ष के लिए जाना जाता है, जिसमें उन्होंने बाबर से युद्ध किया था। बाबर ने 1527 में मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ पर आक्रमण किया था और राणा सांगा ने इसका डटकर मुकाबला किया। राणा सांगा का यह संघर्ष भारत के इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।