Delhi: गुरुवार को दिल्ली में आज राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्री का कार्यभार संभाल लिया है। देश की 18वीं संसद के गठन के बाद एक बार फिर से उन्होंने रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभाली है। वह लगातार दूसरी बार यह जिम्मेदारी निभाने जा रहे है। 2019 से रक्षा मंत्रालय संभाल रहे राजनाथ सिंह ने कहा कि आने वाले पांच साल में उनका लक्ष्य देश को सुरक्षित रखने के अलावा आत्मनिर्भर भारत को विकास के मार्ग पर और आगे बढ़ाना है।
लखनऊ में है ये तीसरी जीत
लखनऊ संसदीय सीट से तीसरी बार जीत हासिल करने वाले राजनाथ सिंह की कर्मभूमि लखनऊ है। उनका लखनऊ से पुराना जुड़ाव रहा है। 1993 में महोना विधानसभा जो कि अब बख्शी का तालाब विधानसभा क्षेत्र से जाना जाता है। वहां से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर उन्होंने राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा था। हालांकि तब उनको सपा उम्मीदवार राजेंद्र यादव के द्वारा 12 हजार मतों से हार का सामना करना पड़ा था।
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मुख्यमंत्री से केंद्रीय मंत्री तक का सफर
राजनाथ सिंह ने 1974 में राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा था। उसके बाद वह 1977 में मिर्जापुर से विधायक चुने गए। फिर मार्च 1997 में उन्हें भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने राजनीतिक संकट के दौरान दो बार भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। अक्टूबर 2000 में राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था। इससे पहले वह नवंबर 1999 में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री यह चुके थे। 2003 में वे केंद्र में कृषि मंत्री रहे। फिर 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री बने और इसके बाद 2019 में उन्होंने रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभाली।
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महिला सशक्तिकरण में योगदान
राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए भारतीय सेना में सैन्य पुलिस के कोर में महिलाओं को सिपाही के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद कुल 1,700 महिला सैन्य कर्मियों की भर्ती का निर्णय भी उनके नेतृत्व में ही लिया गया। दूसरी बार रक्षा मंत्रालय की भाग दौड़ संभालने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, “पीएम मोदी ने मुझे फिर से रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है। हमारी प्राथमिकताएं एक ही होंगी, देश की सुरक्षा। हम एक मजबूत और ‘आत्मनिर्भर’ भारत बनाना चाहते हैं। हमने 21,000 करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा उपकरण निर्यात किए हैं।
हमारा लक्ष्य अगले 5 वर्षों में इस आंकड़े को 50,000 करोड़ रुपये तक ले जाना है। हमें अपनी तीन सशस्त्र सेनाओं, भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना पर गर्व है ” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एसएससी में महिला अधिकारियों का कार्यकाल दस वर्ष से बढ़ाकर 14 वर्ष करने और सेना में उनकी पदोन्नति की संभावनाओं को बेहतर बनाने जैसे सरहानीय कदम भी उठाए।
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