UP Election Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को यूपी में मिली हार बेचैन किए हुए है. बीजेपी को इस बार के चुनाव में कई राज्यों की सीटों पर ऐसी हार का सामना करना पड़ा है,जिससे पार्टी को न ही दिन में चैन है और न ही रातों को नींद आ रही है. पार्टी को इस बार सबसे बड़ा झटका यूपी में लगा है. यूपी में अयोध्या में बीजेपी को मिली हार को लेकर तमाम विपक्षी दल तंज कसने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है. यूपी में जीत हासिल कर के सपा इस बार के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है. हार का मुंह देखने के बाद हारे-जीते उम्मीदवारों ने संगठन को एक रिपोर्ट देनी शुरू कर दी है.मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रह कि इस रिपोर्ट में ‘आस्तीन के सांप’ और ‘गद्दार’ जैसे शब्दों का खूब इस्तेमाल हुआ है.
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किन खामियों से हुआ भारी नुकसान ?

भाजपा (BJP ) को लोकसभा चुनाव में इस बार करीब-करीब आधी सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. सात केंद्रीय मंत्रियों तक को इस बार के चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा.शुरुआती पड़ताल में टिकट वितरण की खामियों को भाजपा की इस स्थिति का मुख्य कारण माना जा रहा है. जिन सांसदों के खिलाफ नकारत्मक माहौल था..उन्हें टिकट नहीं देने की गुजारिश की गई थी, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया था। जिसका नतीजा यह रहा कि नाराज पार्टी कार्यकर्ता भी घर बैठ गए और इसका परिणाम लोकसभा चुनाव में साफ तौर पर देखने को मिला.
नेताओं का संगठन पर आरोप-प्रत्यारोप

चुनाव में हुई हार से नेता और संगठन इतने बौखलाए हुए हैं कि जिन बड़े चेहरों को हार मिली है, उन्होंने भी पार्टी नेताओं पर ही हार का ठीकरा फोड़ना शुरू कर दिया है। मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल के करीबी लोगों का कहना है कि भाजपा के कार्यकर्ता अंदर ही अंदर सीट हराने की कोशिश करते रहे है। मोहनलालगंज सीट से पराजित केंद्रीय राज्यमंत्री रहे कौशल किशोर ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं पर उनके खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है।
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भितरघात का लगाया आरोप

केंद्रीय मंत्री रहीं साध्वी निरंजन ज्योति और कई अन्य नेताओं ने भी अपनी हार के लिए भितरघात को जिम्मेदार ठहराया है। रामपुर से घनश्याम सिंह लोधी, लालगंज से नीलम सोनकर, और गाजियाबाद की लोनी से नंद किशोर गुर्जर ने भी पार्टी के अंदर के लोगों पर सहयोग नहीं करने का गंभीर आरोप लगाया है.
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की प्रतिक्रिया

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अब संगठन में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। हाईकमान ने भितरघात की शिकायतों को गंभीरता से लिया है और प्रदेश संगठन से इस पर रिपोर्ट मांगी गई है। यह रिपोर्ट प्रदेश के एक-एक बूथ की होगी और सभी हारे हुए प्रत्याशियों और जीते सांसदों से भी बूथवार रिपोर्ट मांगी गई है।
आने वाले समय में बड़े बदलाव की संभावना
बताते चले कि आलाकमान की पैनी नजर भितरघात की बातों पर है और वे इसे समझ भी रहे हैं क्योंकि उन्हें भी यह हार अप्रत्याशित लग रही है. कई नेताओं का टिकट काटने का आदेश राज्य स्तर से दिया गया था। अगर साफ तौर पर कहा जाये तो पूरा चुनाव सिर्फ मोदी की गारंटी के भरोसे ही चला है. ऐसा सपा सांसद अफजाल ने बीते दिनों कहा भी था..उन्होंने कहा था कि यूपी में आधी से ज्यादा सीटें जो बीजेपी के खाते में आई है वो सिर्फ सीएम योगी के बदौलत ही आई.