ओला इलेक्ट्रिक देश में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के लिए मंजूरी पाने वाली पहली इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी बन गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्री (MHI) ने 4 महीने से भी कम समय में ओला इलेक्ट्रिक को PLI की मंजूरी दे दी है।
OLA PLI Scheme: देश की टॉप इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता/बिक्रेता ओला इलेक्ट्रिक को सरकार की तरफ से, ईवी एडॉप्शन के लिए चलायी जा रही प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) के लिये हरी झंडी मिलने चर्चा जोरों पर है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्री (MHI) ने 4 महीने से भी कम समय में ओला इलेक्ट्रिक को PLI की मंजूरी दे दी है। लेकिन सरकार या कंपनी की तरफ से इसके बारे में किसी तरह की आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। वहीं PLI स्कीम के लिए अप्लाई करने वालों की लिस्ट में हीरो मोटोकॉर्प से लेकर बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर जैसी अन्य कंपनियां भी शामिल हैं।
2023 में कंपनी का घाटा…
इस बीच, ओला इलेक्ट्रिक का शुद्ध घाटा वित्त वर्ष 2023 में लगभग दोगुना होकर 1,472 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 784.1 करोड़ रुपये था, क्योंकि खर्चों में काफी वृद्धि हुई थी। इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी ने 1,318 करोड़ रुपये का ईबीआईटीडीए घाटा दर्ज किया। इसका कुल खर्च वित्त वर्ष 22 में 1,240 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 3,383 करोड़ रुपये हो गया।
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OLA electric का IPO…
OLA इलेक्ट्रिक के संस्थापक भवीश अग्रवाल ई-वाहन निर्माता कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के तहत निजी क्षमता में (उनके पास 1.36 अरब शेयर हैं) में से 3.48 फीसदी शेयर बेचने की तैयारी में हैं। IPO के 440 पृष्ठों के विवरण (डीआरएचपी) के विश्लेषण के अनुसार अग्रवाल फर्म के IPO से पहले सॉफ्टबैंक के निवेश वाली इस फर्म में तकरीबन 4.74 करोड़ शेयर बेचेंगे। बिक्री की पेशकश (ओएफएस) वाले शेयरों में करीब आधी हिस्सेदारी इनकी रहेगी। IPO से पहले कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 36.94 फीसदी है। यह पहली बार है कि अग्रवाल किसी कंपनी का IPO ला रहे हैं। उद्योग सूत्रों के मुताबिक कंपनी साल 2024 की शुरुआत तक सात से आठ अरब डॉलर के मूल्यांकन का लक्ष्य तय करके चल रही है।
क्या है PLI स्कीम?
PLI स्कीम को 2021 में पेश किया गया था, जिसका मकसद ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट की लोकल मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ोतरी करना है। जिसके लिए सरकार सब्सिडी देकर मैन्युफैक्चरर्स को घरेलू बाजार के लिए किफायती प्रोडक्ट बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है।