Putin House Burned: साइबेरिया अल्ताई माउंटेन में मौजूद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का आलीशान घर आग की चपेट में आ गया.साइबेरिया के अल्ताई पर्वत में स्थित रूसी राष्ट्रपति के आलीशान आवास में भीषण आग लग गई है. ब्लॉगर अमीर अयोताशेव और अरुणा अर्ना ने इस खबर की पुष्टि की है साथ ही घर में लगी भीषण आग की कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं.इन तस्वीरों की सत्यता की जांच के लिए सिरेना अखबार ने कार्रवाई की है.हालांकि जहां रुसी राष्ट्रपति का बंगला है वहां पर सामान्य नागरिकों को जाने की अनुमति नहीं है।

Read More:‘गलती करण की नहीं ड्राइवर लेगा जिम्मेदारी’हादसे के सवाल पर बृजभूषण का जवाब
रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का आलीशान आवास आग में भस्म हो गया. रुसी राष्ट्रपति के आवास के जलने की खबर साइबेरिया के अल्ताई माउंटेन में एक बड़ा संघर्ष बना हुआ है.इस घटना के पीछे की कहानी का रिसर्च करने में कई रहस्य और पहेलियां शामिल हैं।पुतिन के घर में आग लगने के पीछे आरोप लगाया जा रहा है कि,इसमें यूक्रेन का हाथ हो सकता है.पुतिन का ये मकान अल्ताई गणराज्य के ओंगुडेस्की जिले में स्थित है जो साइबेरिया का एक इलाका है ये जगह मंगोलिया, चीन और कजाकिस्तान की सीमा से संबंधित है।

Read More:PM मोदी के आगे नहीं टिक सका कोई,75 दिनों में की 200 से ज्यादा रैलियां और रोड शो
ब्लॉगर ने शेयर की मकान की फोटो
पुतिन के घर में आग लगने की खबर ब्लॉगर अमीर अयोताशेव और अरुणा अर्ना की जानकारी के आधार पर सामने आई है. उन्होंने मकान में लगी आग की कुछ फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की है.सिरेना न्यूज ने इन घटनाओं की जांच के लिए प्रयास किया लेकिन पुतिन की टीम से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

Read More:‘4 जून को नतीजों के बाद शेयर मार्केट में आएगा जबरदस्त उछाल’PM मोदी ने किया बड़ा दावा….
आम नागरिको को मकान के करीब जाना है मना
आपको बता दें कि,पुतिन के आलीशान बंगले वाली जगह आम लोगों के लिए एक प्रतिबंधित क्षेत्र है.जिसमें सामान्य लोगों का प्रवेश नहीं होने दिया जाता. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मकान के पास एक फार्म है जहां हिरण पाले जाते हैं.यहां के हिरणों के सींग के खून से पुतिन स्नान करते हैं. इस तरह के नहाने की विधि को लेकर दावा किया जाता है कि,इससे यौन क्षमता बढ़ती है साथ ही शारीरिक बीमारियों का खतरा भी कम होता है।पुतिन के इस मकान के पास एक परमाणु बंकर भी है जिसमें लगभग 1 लाख लोगों के ठहरने की क्षमता है. इस मकान के निर्माण-कार्य में जर्मनी के इंजीनियर्स भी शामिल थे….जो अपने साथ बड़ी-बड़ी मशीनों को लेकर आए थे ताकि खुदाई का काम सरल हो सके।