Parshuram Jayanti 2025: हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन परशुराम जयंती को बहुत ही खास माना जाता है। जो कि भगवान परशुराम की पूजा अर्चना को समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान परशुराम की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा बरसती है।
पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है। इस साल यह तिथि 29 अप्रैल को पड़ रही है। इस दिन पूजा पाठ और व्रत आदि का विधान होता है।
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अक्षय तृतीया की तारीख और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर परशुराम जयंती मनाई जाती है। इस साल यह तिथि 29 अप्रैल को मनाई जाएगी। तृतीया तिथि 20 अप्रैल को शुरू होगी और 30 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। भगवान परशुराम का अवतार प्रदोष काल में हुआ था। इसलिए 29 अप्रैल को ही परशुराम जयंती मनाई जाएगी।
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शुभ योगों का निर्माण
आपको बता दें कि परशुराम जयंती पर सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। यह योग 3 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इस दिन त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। मान्यता है कि इन शुभ योगों में अगर भगवान परशुराम की पूजा अर्चना की जाए तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है और लक्ष्मी कृपा भी बनी रहती है।
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पूजा की सबसे सरल विधि
परशुराम जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करके दिन की शुरुआत करें। फिर घर की अच्छी तरह साफ सफाई करें। अब आप नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद भगवान सूर्यदेव की पूजा कर उन्हें जल अर्पित करें। इसके बाद भगवान परशुराम की विधिवत पूजा अर्चना करें। इस दिन आप प्रदोष काल में भगवान परशुराम की पूजा करें। इस दिन उपवास करने से व्रत का दोगुना फल मिलता है।