Mahua Moitra on Expulsion: कैश फॉर क्वैरी केस में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द होने पर महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिस पर आज सुनवाई हुई और एक बार फिर से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को झटका मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा महासचिव से इस मामले पर दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए। वहीं इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट अब अगली सुनवाई 11 मार्च को करने वाली है।
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महुआ मोइत्रा को किसी भी तरह की कोई राहत नहीं
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फिलहाल महुआ मोइत्रा को किसी भी तरह कोई राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने सुनवाई की है। महुआ मोइत्रा की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी की। सिंघवी ने बजट सेशन के मद्देनजर फरवरी में सुनवाई करने और राहत देने की गुहार लगाई थी. लेकिन कोर्ट ने दोनों मांगों को ठुकरा दिया। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा कि वो फिलहाल लोकसभा कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकती हैं।
जानें क्या है पूरा मामला?
आपको बता दे कि टीएमसी नेता पर अदाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर सदन में सवाल पूछने के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाए गए। इस मामले पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को शिकायत भेजी थी।