अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आज जब दुनिया भर में संघर्ष, आतंकवाद और असहमति बढ़ रही हैं, ऐसे में मानवता को एकजुट करने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि…. इस दिन हमें यह याद दिलाया जाता है कि हम सभी मानव हैं और हमारा सबसे बड़ा उद्देश्य प्रेम, एकता और भाईचारे के साथ एक-दूसरे के साथ जीना है।
महाकुम्भ मेला सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक सौहार्द्र का प्रतीक

स्वामी जी ने महाकुम्भ मेला को मानव एकजुटता का प्रतीक बताया और कहा कि यह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह दुनिया भर के लोगों के लिए एक महोत्सव है। महाकुम्भ मेला सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक सौहार्द्र का प्रतीक बनकर करोड़ों श्रद्धालुओं को एक साथ लाता है। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है, जो दुनिया भर के विभिन्न धर्मों, जातियों और संप्रदायों के लोगों को एक साझा उद्देश्य के तहत एकजुट करता है—शांति और सद्भावना की स्थापना।
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धर्म और संस्कृति की कोई सीमा नहीं होती
स्वामी जी कहते है… कि, महाकुम्भ मेला एक वैश्विक मंच है जहाँ लोग अपनी व्यक्तिगत, सामाजिक और धार्मिक भेदभावों को भूलकर एक साथ परमात्मा की कृपा प्राप्त करने के लिए और समाज में शांति स्थापित करने के लिए एकजुट होते हैं। यह मेला यह सिद्ध करता है कि धर्म और संस्कृति की कोई सीमाएं नहीं होतीं, बल्कि सभी का उद्देश्य मानवता की सेवा करना होता है।

उन्होंने भारतीय संस्कृति में वेदों के महत्व को भी बताया और कहा कि, वेदों में एकजुटता, भाईचारे और मानवता का संदेश दिया गया है। विशेष रूप से ऋग्वेद का श्लोक “संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्” समाज में एकता और समरसता का सशक्त संदेश देता है। स्वामी जी ने यह भी कहा कि भारत की संस्कृति हमेशा से विश्व एकता की संस्कृति रही है, जहाँ विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का संगम होता है और सबका उद्देश्य एक ही है – शांति और सौहार्द्र का वातावरण स्थापित करना।
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हम सब मानवता के कल्याण के लिए काम करते है
हम सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं और हमारा उद्देश्य केवल व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं, बल्कि मानवता के कल्याण के लिए काम करना है। उन्होंने सभी से अपील की कि हम एकजुट होकर इस धरती पर शांति और सद्भावना का वातावरण बनाने के लिए कार्य करें, और महाकुम्भ की पवित्र धारा में डुबकी लगाकर मानवता, एकता और भाईचारे के सशक्त संदेश को दुनिया भर में फैलाएं।