लखनऊ संवाददाता- विवेक शाही
Lucknow: कैबिनेट में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल गई है। अब देश की नई संसद भवन के दोनों ही सदनों में इस बिल को पेश किया जाएगा अगर बात की जाए तो सभी राजनीतिक दलों ने इस बिल पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे दी है। सभी राजनीतिक दल इस बिल का समर्थन कर रहे हैं लेकिन साथ ही साथ इस बिल में परिसीमन करने की मांग भी कर रहे हैं।
33 फ़ीसदी महिला आरक्षण का मामला पिछले 27 सालों से लंबित पड़ा था। जो अब पूरा होते दिखाई दे रहा है। लेकिन कई राजनीतिक दलों की यह मांग है कि इस 33 फ़ीसदी महिला आरक्षण में एससी और एसटी वर्ग के लिए अलग से आरक्षण रखा जाए।
लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल ने संसद द्वारा महिला आरक्षण बिल पास होने पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साधुवाद देते हुए इसे राजनीति का अमृत काल बताया।
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कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया

महापौर ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि तीन दशकों की अटकलों के बाद महिला आरक्षण बिल को (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) आज नए संसद भवन में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया। जिसे ध्वनिमत के जरिए लोकसभा से पास किया गया। दोनों सदनों से इस बिल के पास होते ही संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण तय हो जाएगा। इस बिल से अब विधान सभाओं और लोकसभाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी।
यह बिल विकसित भारत की अवधारणा
महापौर ने कहा कि यह बिल विकसित भारत की अवधारणा है। नारी शक्ति को यह वंदन हमारी ‘सबका साथ, सबका विकास और सबके विश्वास’ की नीति का परिणाम है। हम जब यह कहते हैं जो पहले नहीं हुआ वो अब हो रहा तो उसका कारण ऐसे कलजायी फैसले हैं।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, उज्ज्वला योजना, समर्थ योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, फ्री सिलाई मशीन और सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना जैसी तमाम स्कीम हैं जिनके माध्यम से हमारी सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है।