Lucknow Building Collapse: लखनऊ के शहीद पथ किनारे स्थित हरमिलाप टावर शनिवार की शाम अचानक धराशायी हो गया। तेज बारिश के बीच इस तीन मंजिला इमारत के गिरने से चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। हादसे में एक कारोबारी समेत आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि मलबे में दबे 25 से अधिक लोगों को निकालकर विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। घायलों में से पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है। प्रशासन का मानना है कि मलबे में अभी भी कई लोग फंसे हो सकते हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, दमकल और पुलिस की टीमें राहत-बचाव कार्य में देर रात तक जुटी रहीं।
तीन मंजिला इमारत में दवाओं और गिफ्ट सेंटर का था गोदाम
आशियाना निवासी राकेश सिंघल की यह इमारत, जिसे हरमिलाप टावर कहा जा रहा है, ग्राउंड प्लस 2 थी। ग्राउंड फ्लोर पर आशियाना निवासी जसमीत साहनी (45) का मोबिल ऑयल का व्यवसाय था, जबकि दूसरी मंजिल पर दवाओं का गोदाम स्थित था। पहली मंजिल पर मनचंदा का गिफ्ट सेंटर का गोदाम भी मौजूद था। शनिवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे से शुरू हुई तेज बारिश के बाद शाम को अचानक पूरी इमारत ढह गई थी, जिससे आस-पास भगदड़ मच गई।
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30 लोगों को निकाला गया
घटना की जानकारी मिलते ही सबसे पहले पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद दमकल और एनडीआरएफ की टीमों ने तेजी से राहत-बचाव कार्य शुरू किया। करीब 30 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया। इनमें से कारोबारी जसमीत, पंकज, धीरेंद्र उर्फ धीरज समेत आठ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, अन्य घायलों का इलाज स्थानीय अस्पतालों में जारी है।
मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है
मलबे में अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है, जिस कारण राहत कार्य पूरी सावधानी से किया जा रहा है। प्रशासन ने कई अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है ताकि अधिक से अधिक घायलों को समय पर उपचार मिल सके। घायलों में एक किशोरी और एक किशोर भी शामिल हैं, जिनके बारे में बताया जा रहा है कि वे भाई-बहन हैं, हालांकि प्रशासन द्वारा इसकी अभी तक पुष्टि नहीं की जा सकी है।
मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री ने लिया संज्ञान
हादसे की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया और राहत-बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर भेजने का आदेश दिया। इसके अलावा, उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। केंद्रीय रक्षा मंत्री और लखनऊ सांसद राजनाथ सिंह ने भी लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार से फोन पर वार्ता कर घटना की जानकारी ली और घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
कंटेनर चालक की बाल-बाल बची जान
घटना के समय एक कंटेनर से दवाओं की खेप उतारी जा रही थी। कंटेनर चालक राकेश उस वक्त ड्राइविंग सीट पर बैठे थे। जब इमारत गिरी तो कंटेनर का आधा हिस्सा मलबे के नीचे दब गया, लेकिन राकेश ने तुरंत केबिन का दरवाजा खोलकर कूदने में सफलता पाई, जिससे उनकी जान बच गई। मलबे में दबा कंटेनर अब भी इमारत के अवशेषों के बीच फंसा हुआ है।
मलबा हटाने का काम जारी
घटनास्थल पर कई जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं, जो मलबा हटाने में जुटी हुई हैं। राहत-बचाव कार्य पूरी गति से जारी है, लेकिन मलबे में दबे लोगों को निकालने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि टावर का एक हिस्सा अभी भी खड़ा है और उसके छज्जे और सीढ़ियां खतरे की स्थिति में लटकी हुई हैं।
मृतकों की सूची
- मनजीत सिंह शहानी
- धीरज
- पंकज
- अरुण
- राम किशोर
- एक अज्ञात व्यक्ति
- रुद्र यादव
- जगरूप सिंह
घायलों की सूची
घायलों में 25 वर्षीय राजेंद्र, 22 वर्षीय भानु सिंह, 60 वर्षीय शत्रुघ्न सिंह, 38 वर्षीय शिव मोहन, 30 वर्षीय प्रवीणा, 65 वर्षीय शांति देवी, 10 वर्षीय आदर्श यादव, 14 वर्षीय काजल यादव समेत कई लोग शामिल हैं। यह हादसा लखनऊ में बारिश के दौरान लापरवाही और कमजोर निर्माण कार्यों की ओर एक गंभीर संकेत है। प्रशासन की तत्परता के बावजूद, इस घटना में कई लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं, जबकि घायल अभी भी जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।