Hatkeshwar Bridge: अहमदाबाद में 2017 में बने हाटकेश्वर ब्रिज को लेकर एक नई विवादास्पद रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस पुल का निर्माण 42 करोड़ रुपये में किया गया था, लेकिन इसके विध्वंस की लागत 52 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह खबर तेजी से वायरल हो रही है और राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
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गृह मंत्री हर्ष सांघवी का बयान
इस मुद्दे पर गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने ट्वीट कर स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि 52 करोड़ रुपये की लागत में केवल पुल का विध्वंस नहीं बल्कि नए पुल का निर्माण भी शामिल है। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए बताया कि पुल का विध्वंस और पुनर्निर्माण दोनों मिलाकर 52 करोड़ रुपये की लागत आएगी। सांघवी ने यह भी स्पष्ट किया कि नए पुल की निर्माण लागत को उस ठेकेदार से वसूल किया जाएगा जिसने पहले दोषपूर्ण पुल का निर्माण किया था।
निर्माण के तुरंत बाद बंद हुआ ब्रिज
हाटकेश्वर ब्रिज को एक निजी फर्म द्वारा बनाए गए पुल की खराब गुणवत्ता के कारण उद्घाटन के तुरंत बाद यातायात के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) ने ठेकेदार फर्म के खिलाफ मामला दर्ज किया और पुल को ध्वस्त कर एक नया पुल बनाने का निर्णय लिया।
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सांघवी का कांग्रेस पर पलटवार
गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कांग्रेस पार्टी के ट्वीट पर तीखा जवाब दिया, जिसमें पुल के विध्वंस को लेकर सरकार को करोड़ों रुपये के नुकसान का दावा किया गया था। सांघवी ने कांग्रेस को ‘झूठा गैंग’ करार देते हुए कहा कि पुल का विध्वंस और निर्माण दोनों मिलाकर 52 करोड़ रुपये का बजट भ्रामक है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का दावा पूरी तरह झूठा है और पुल के निर्माण की राशि दोषपूर्ण निर्माण करने वाले ठेकेदार से वसूली जाएगी।
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पुल की लागत और विध्वंस पर छिड़ा विवाद
इस विवाद ने अहमदाबाद में राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। एक तरफ सरकार की ओर से खर्च की गई राशि और ठेकेदार से वसूली की बातें हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और विपक्ष इसे सरकार की नाकामी के तौर पर पेश कर रहे हैं। हाटकेश्वर ब्रिज का मामला एक राजनीतिक ड्रामा बन चुका है जिसमें निर्माण, विध्वंस, और लागत के मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का असर आगामी चुनावों पर क्या पड़ता है और क्या सरकार अपने वादे पूरे कर पाएगी।
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52 करोड़ की कीमत पर ‘ब्रिज तोड़ो, फिर नया बनाओ’
अहमदाबाद के हाटकेश्वर ब्रिज की लागत को लेकर चल रहे इस ड्रामे में एक मजेदार ट्विस्ट यह है कि अब लोग इसे ‘ब्रिज तोड़ो, फिर नया बनाओ’ के नारे के साथ देख रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर कई मजेदार मीम्स और जोक्स भी वायरल हो रहे हैं, जो इस गंभीर मुद्दे को हल्के-फुल्के अंदाज में पेश कर रहे हैं। राजनीति में इस तरह के विवाद सिर्फ फिजूल के खर्च और गड़बड़ी का संकेत हैंहाटकेश्वर ब्रिज का मामला इसका एक अच्छा उदाहरण है कि कैसे एक साधारण निर्माण मुद्दा भी राजनीति का हिस्सा बन सकता है।