सहारनपुर संवाददाता: जोगेन्द्र कल्याण
- बंदीयों को कंबल और हनुमान चालीसा का वितरण किया
Saharanpur: सहारनपुर में आज जिला जेल कारागार में जेल मंत्री धर्म वीर प्रजापति ने कारागार मे बंदियों के साथ नया साल मनाया। एक माह मे मंत्री जी का दूसरा दौरा था। जहां घंटो बंदियों के साथ संवाद किया साथ ही सर्दी से बचाव को लेकर बंदियों को कंबल वितरण किये गए। संवाद के दौरान कुछ बंदी तो मंत्री जी की बातों से प्रभावित होकर रो पड़े, जिसमें रोते हुए एक बंदी को मंत्री जी ने मंच पर बुलाया, रोते हुए बंदी ने मंत्री जी को कहा कि उनके आगे पीछे कोई नहीं है और उसका अपराध भी इतना बड़ा नहीं है। मंत्री जी ने तत्काल जेलर को आदेश दिए कि इनका जो भी खर्चा है मैं दूंगा।
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हमारे पास कोई मंत्री नहीं आता..
बंधिया ने मंत्री से कहा कि आपने नया साल हमारे बीच आकर मनाया, हमें बहुत खुशी है नहीं तो हमारे पास कोई मंत्री नहीं आता। कोई विधयाक जनप्रतिनिधि भी उनका हाल जाने या उनकी बात सुनने नहीं आता। आप सबकी फरियाद सुन रहे हैं। आपका जेल मे हमारे बीच एक माह में दूसरा दौरा हैं। आपकी बातों ने हमें रोने पर मजबूर कर दिया और हम तौबा करते हैं कि हम कोई आगे से अपराध नहीं करेंगे। मंत्री जी ने सभी से कहा की आप सभी को जों जिस धर्म का हैं वो अपने भगवान के आगे सर झुका कर जल्द अपने परिवार मे लौटने की दुआ करें और जों हनुमान का चालीसा पढ़ते हैं, वो उसको पढ़े, हनुमान जी सबके संकट काटते हैं।
आपको यहां क्या सकून मिलता हैं ? तो बंदिया ने कहा कि नहीं हमें परिवार की बहुत याद आती हैं और परिवार का कौन ख्याल रखेगा। अब हम कोई ऐसे काम नहीं करगे जों हमें दुबारा जेल आना पड़े। जेल मंत्री ने सभी को हनुमान चालीसा की एक किताब दी, कंबल वितरण किए गए। बंदियों ने कारागार में हनुमान चालीसा का पाठ किया।
बंदियों को किस तरह की सुख सुविधा दी जा रही?
मीडिया से रूबरू होते हुए जेल मंत्री धर्म वीर प्रजापति ने बताया की हर जिले मे कम से कम दो जेलों मे मेरा आना होता हैं। बंदियों से संवाद करकर उनकी सोच बदलना मेरा प्रयास हैं और बंदियों को जिला कारागार में किस तरह की सुख सुविधा दी जा रही हैं, जिले की अन्य कारागारो मे हंमने अपने पैसे से उन बंदियो की रिहा कराया जिनका घर मे बूढ़े माँ बाप या कोई नहीं हैं।
लगातार हमारा प्रयास रहता हैं कि हम बंदियों की मदद करे, जिनका कोई नहीं होता उनकी मदद कर रहे हैं। हमारे जिला जेलों मे बंदियों के बीच जाकर संवाद करने से परिणाम भी सामने आ रहे हैं और अब जिला जेलो मे स्कूली बच्चो का टूर भी हर स्कूल से लाकर यहां लाकर दिखाया जाये कि किस तरह यहां बंदी रहते हैं और कैसे जीवन यापन करते हैं। उन्हें यहां देखर नकरात्मक सोच बदलगी और इसका परिणाम अच्छा होगा।
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