Jagannath Temple News : अयोध्या में भगवान प्रभु श्रीराम के आगमन की तैयारियां तेजी से की जा रही हैं.22 जनवरी को जब प्रभु श्रीराम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी उस वक्त पीएम मोदी समेत देश-विदेश की बड़ी हस्तियां इस पल के गवाह बनेंगे जिसका लोगों को बेसब्री से इंतजार है.अयोध्या में समारोह से पहले ओडिशा में प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में आज भव्य कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया है.इस प्रोजेक्ट को जगन्नाथ मंदिर हेरिटेज कॉरिडोर के नाम से जाना जा रहा है।
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2019 में श्री जगन्नाथ हेरिटोज कॉरिडोर को मिली थी हरी झंडी
अक्टूबर 2019 में इस परियोजना को ओडिशा कैबिनेट से हरी झंडी मिली थी।नवंबर 2019 में इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था, जिसका काम पिछले महीने ही पूरा हुआ है। 3200 करोड़ की इस परियोजना को कई भागों में बांटा गया था। अकेले श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर के लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। इसके अलावा परियोजना में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन भवन का पुनर्विकास, 600 लोगों की क्षमता वाला श्री मंदिर स्वागत केंद्र, जगन्नाथ सांस्कृतिक केंद्र, बदडांडा हेरीटेज स्ट्रीट स्केप, समुद्र तट विकास, पुरी झील और मूसा नदी पुनरुद्धार योजना समेत कई काम शामिल हैं।
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सीएम ने श्रद्धालुओं को समर्पित की परियोजना
ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ धाम के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए यहां हेरिटेज कॉरिडोर विकसित किया गया है। इस परियोजना को श्रीमंदिर परिक्रमा प्रकल्प नाम दिया गया है। आज श्री जगन्नाथ मंदिर हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना का उद्घाटन किया गया।ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने उद्घाटन के लिए 4 शंकराचार्यों के साथ भारत और नेपाल के 1 हजार मंदिरों के धार्मिक प्रमुखों को आमंत्रित किया था।राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस परियोजना को श्रद्धालुओं को समर्पित किया है।
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पुरी शहर को दिया गया नया रुप
श्रीमंदिर परिक्रमा प्रकल्प परियोजना के जरिए पुरी शहर को एक नया रूप दिया गया है।हेरिटेज कॉरिडोर को एक बड़े खुले स्थान में बनाया गया है,क्योंकि पुरी की प्रसिद्ध रथ यात्रा सहित मंदिर के कई त्योहार यहीं से शुरू होते हैं।इससे श्रद्धालुओं का बड़ा जमावड़ा सुरक्षित माहौल में हो सकेगा।75 मीटर के श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर के भीतर मौजूद मठ मंदिरों के पुनर्विकास कार्य किए गए हैं।इन मठ मंदिरों का पुनर्विकास संबंधित मठ की सामान्य और विशिष्ट परंपराओं में वास्तुकला की कलिंगन शैली को ध्यान में रखकर किया गया है।
इस परियोजना के उद्घाटन के बाद पुजारी और श्रद्धालुओं का कहना है कि,पहले शहर में बहुत सारी दुकानें थीं और परिक्रमा के दौरान उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता था लेकिन अब इलाके को साफ कर दिया गया है,मंदिर की सुंदरता भी पहले से अधिक बढ़ गई है।