इंडिगो एयरलाइंस में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक खुशखबरी है। अब Indigo की फ्लाइट का सफर पैसेंजर्स के लिए सस्ता हो जाएगा। इंडिगो एयरलाइंस ने फैसला किया है कि घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर अब यात्रियों से फ्यूल चार्ज नहीं वसूला जाएगा।
Indigo Fuel Charge Cut: नए साल की शुरुआत में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। अगर आप इंडिगो (Indigo) की फ्लाइट से सफर करते हैं, तो अब आपको टिकट के लिए कम पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। बता दे कि अब इंडिगो फ्लाइट की टिकट 300 से 1000 रुपए तक सस्ती हो जाएगी। देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइंस इंडिगो ने हवाई ईंधन के दामों में कटौती के बाद फ्यूल चार्ज लगाने के फैसले को वापस लेने का फैसला किया है। यह नियम आज यानी 4 जनवरी से लागू भी कर दिया गया है। एयरलाइन घरेलू और और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की उड़ानों पर इसे वसूल रहा था।
300 से 1000 रुपए तक सस्ता हो जाएगा सफर…
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एयरलाइंस के इस फैसले के बाद अब यात्रियों के लिए इंडिगो फ्लाइट का सफर 300 रुपए से 1000 रुपए तक सस्ता हो जाएगा. अभी तक दूरी और दर का अनुपात कुछ इस तरह था-
- 500 किमी से कम की यात्रा के लिए ₹ 300
- 510 और 1,000 किमी के बीच की दूरी के लिए ₹ 400
- 1,001 और 1,500 किमी के बीच की यात्रा के लिए ₹ 550
- 1,501 और 2,500 किमी के बीच की यात्रा के लिए ₹ 650
- 2,501 और 3,500 किमी के बीच की यात्रा के लिए ₹ 800
- 3,501 किमी से अधिक की यात्रा के लिए ₹ 1,000
क्यों लिया फ्यूल चार्ज हटाने का फैसला?
भारतीय एविएशन सेक्टर में बड़ी प्लेयर और देश की सबसे बड़ी मार्केट शेयर वाली एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने इस संबंध में जारी एक बयान में कहा है कि Indigo Airlines को फ्यूल सरचार्ज हटाने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर आज से लागू हो गया है। एयरलाइंस की ओर से बताया गया है कि हाल ही में हवाई ईंधन या एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) की कीमतों में कटौती किए जाने के बाद ये फैसला लिया गया है।
कितना होता है विमान का माइलेज…
किसी भी विमान कंपनी की परिचालन लागत में एटीएफ का हिस्सा 40 फीसदी से अधिक होता है। विमान में ईंधन की बहुत खपत होती है। बोइंग 747-400 जंबो जेट (Boeing 747-400 jumbo jet) में 63,000 गैलन यानी करीब 2,40,000 लीटर ईंधन होता है। विमान में प्रति सेकेंड चार लीटर ईंधन की खपत होती है। पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स को सबसे अच्छा ईंधन माना जाता है। लेकिन इसका भंडार सीमित है और साथ ही इससे भारी वायु प्रदूषण होता है। यही वजह है कि दुनियाभर में अब वैकल्पिक विमान ईंधन की दिशा में काम हो रहा है।