लखनऊ संवाददाता- विवेक शाही
- विगत एक वर्ष में लाइन लॉस में 09 प्रतिशत की कमी, राजस्व संग्रह में 20 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी : ए.के. शर्मा
- तकनीक के उपयोग से बेहतर उपभोक्ता सेवा के साथ मिल रही अनवरत विद्युत आपूर्ति
- एक वर्ष में AT & C Losses में 09 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट
- पिछले कुछ महीनों में 4.60 लाख ट्रांसफार्मर बदले या उच्चीकृत किये गये, प्रतिदिन बदले गये 01 हजार ट्रांसफार्मर
- विगत महीनों में 41 हजार किलोमीटर लंबाई के जर्जर तार बदल कर लगाये नए बेंच केबल तार
- अक्टूबर, 2023 में ही 06 हजार किमी नई बंच केबल लगाई गई
- अक्टूबर माह में ही लगाये गये 90 हजार नये खंभे, रोज के लगभग 3 हजार : ए0के0 शर्मा
लखनऊ: प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा द्वारा कराये जा रहे विद्युत के आधारभूत संरचना में किये गये अनुरक्षण एवं नवीनीकरण के कार्यों से पिछले डेढ़ वर्षों में उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार हुआ है। उपभोक्ताओं को अनवरत विद्युत आपूर्ति देने के साथ ही तकनीकी एवं वाणिज्य हानियां (AT & C Losses) में 09 प्रतिशत की गिरावट आई और राजस्व संग्रह में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी में भी अभूतपूर्व सफलता मिली। इस दौरान किये गये अनुरक्षण कार्यों से 41 हजार किलोमीटर लंबाई के जर्जर तार बदल कर नई बंच केबल लगाई गयी। साथ ही पिछले माह में 90 हजार नये खंभे भी लगाये गये हैं।
पूरा विभाग जी जान से लगा हुआ
ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने ट्वीट कर यह जानकारी देते हुए बताया कि विगत डेढ़ वर्ष में बिजली व्यवस्था के सुधार के साथ ही आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने में पूरा विभाग जी जान से लगा हुआ है। विगत 18 माह में आधारभूत संरचना के अनुरक्षण एवं नवीनीकरण के व्यापक कार्यक्रम और तकनीक के उपयोग से उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा के साथ ही अनवरत विद्युत आपूर्ति से लाभांवित किया गया है।
09 प्रतिशत तक की गिरावट आयी
मंत्री एके शर्मा ने बताया कि विद्युत कार्मिकों के अथक प्रयासों से विगत एक वर्ष में तकनीकी एवं वाणिज्य हानियों को (AT & C Losses) कम करने में सफलता मिली है और इसमें 09 प्रतिशत तक की गिरावट आयी है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 31.19 प्रतिशत की तकनीकी एवं वाणिज्य हानियां दर्ज की गयी थी, जो कि वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 09 प्रतिशत से ज्यादा घटकर 22.01 प्रतिशत ही रह गयी हैं।
20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई
ऊर्जा मंत्री शर्मा ने बताया कि पिछले एक वर्ष में राजस्व संग्रह में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। अक्टूबर 2022 में राजस्व संग्रह 4139 करोड़ रूपये हुआ था जो कि इस वर्ष 2023 के अक्टूबर माह तक 20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4844 करोड़ रूपये हुआ है।
एक हजार करोड़ रूपये के कार्य कराये जा रहे
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इसके साथ ही विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने और इसके आधारभूत संरचना को बदलने के लिये केन्द्र की मदद से प्रदेश में आर.डी.एस.एस. एवं बिज़नस प्लान योजना चलायी जा रही है। आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत वर्तमान में 17 हजार करोड़ रूपये से अधिक की लागत से कार्य कराये जा रहे हैं। साथ ही बिजनेस प्लान के तहत 05 हजार करोड़ रूपये और नगरों में विद्युत व्यवस्था के सुधार हेतु एक हजार करोड़ रूपये के कार्य कराये जा रहे हैं। इस प्रकार कुल 23 हजार करोड़ रूपये से अधिक की लागत से प्रदेश के जर्जर तार, खंभों को बदलने के साथ ही ट्रांसफार्मर बदलने व उच्चीकृत करने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
बोल्टेज की समस्या का समाधान हो रहा
विद्युत व्यवस्था सुधार के तहत प्रतिदिन लगभग 01 हजार ट्रांसफार्मर बदले गयें। पिछले कुछ महीनों में 4.60 लाख ट्रांसफार्मर बदले या उच्चीकृत किए गये। जिससे लो बोल्टेज की समस्या का समाधान हो रहा है। ऊर्जा मंत्री जिलों में हो रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर वास्तविक स्थिति का जायजा स्वयं ले रहे हैं। हाल ही में आजमगढ़, मऊ, सिद्धार्थनगर और सीतापुर में औचक निरीक्षण कर विभागीय अधिकारियों से जानकारी के साथ ही जनता से भी बात कर उनकी समस्याओं और समाधान के बारे में जानकारी ली।
नई बंच केबल लगाई गईं
मंत्री शर्मा ने बताया कि पिछले महीनों में 41 हजार किलोमीटर लंबाई के जर्जर तार बदल कर नई बंच केबल लगाई गईं हैं। इसमें से लगभग 06 हजार कि.मी. अक्टूबर माह में ही लगाई गई। वहीं बांस-बल्ली वाले व जर्जर खंभे बदलने के कार्य में पिछले अक्टूबर माह में ही 90 हजार नये खंभे लगाये गये हैं।
विद्युतकर्मियों को निर्देशित किया
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार विद्युत व्यवस्था की कमियों को दूर कर विद्युत तंत्र को सुदृढ़ कर रही है। प्रदेश में नये फीडर और उपकेन्द्र बनाये जा रहे हैं। जिससे आने वाले समय में विद्युत की अनवरत आपूर्ति की जा सकेगी। उन्होंने त्योहारों के अवसर पर निर्वाध विद्युत आपूर्ति के साथ ही लोकल फाल्ट के दौरान तत्काल इसे ठीक करने के लिये भी विद्युतकर्मियों को निर्देशित किया गया है। साथ ही बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए जवाहरपुर और ओबरा में 660 मेगावाट की दो यूनिट (1320 मेगावाट) तैयार होकर ऊर्जाकृत हो गयी हैं। वहीँ ओबरा में एन टी पी सी के साथ 1600 मेगावाट की यूनिट डाली जा रही है।