Health News: ठंड में सांसों से संबंधित समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में एलर्जी और अस्थमा के मरीजों को अधिक सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। लखनऊ के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा. सूर्य कान्त ने सांस की बीमारियों के प्रबन्धन में योग की भूमिका पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि सांस की बीमारियों में इन्हेलर्स के साथ-साथ योग, प्राणायाम और ध्यान भी किया जाये तो साँस से संबंधित समस्याओं से आराम मिल सकता है।
योग के नियमित अभ्यास से कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। साँस का अटैक नहीं आता है। जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। अगर आप इनहेलर्स की डोज ले रहे हैं, तो इसकी जरूरत कम हो जाती है।
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सांस से संबंधित बीमारियों के लिए योग सहयोगी चिकित्सा

डॉ. सूर्य कान्त ने बताया कि साँस सम्बन्धी बीमारियों के लिए योग एक सहयोगी चिकित्सा है। लेकिन यह इन्हलेर्स का विकल्प नहीं है। साँस के रोगी अपने चिकित्सक की सलाह पर इन्हेलर्स के साथ योग का अभ्यास कर पूरी तरह स्वस्थ रह सकते है। अपने सभी दैनिक काम कर सकते हैं.
आसपास रखें साफ सफाई

अस्थमा सांस से जुड़ी समस्या है, जिसमें वायु मार्ग में सूजन आ जाती है। अतिरिक्त बलगम पैदा होने के चलते सीने में जकड़न की समस्या हो सकती है। इस लिए अस्थमा रोगियों को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहिए। इसके लिए अपने आसपास साफ सफाई रखनी चाहिए। इसके अलावा धूल, मिट्टी और धुएं से बचना चाहिए।
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हेल्दी डाइट लें

अस्थमा पेसेंट को योग के साथ-साथ हेल्दी डाइट पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए मरीज को अपनी डाइट में विटामिन सी, गाजर, डेयरी प्रोडक्ट, फल मैग्नीशियम जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करनी चाहिए।
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