Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी को जब अयोध्या में प्रभु रामलला की भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी उस वक्त देश के कोने-कोने में राम भक्त प्रभु राम की भक्ति में डूबे हुए थे.कहीं राम भजन गाए जा रहे थे तो कहीं पर रामलीला का मंचन कर लोग रामायण के महत्वपूर्ण पात्रों का किरदार अदा कर अपनी भक्ति प्रकट कर रहे थे.लेकिन इस बीच हरियाणा के भिवानी में कुछ ऐसा हुआ जिसने हर किसी को हैरान कर दिया।
रामलीला मंचन में गई हनुमान की जान
दरअसल,हरियाणा के भिवानी में प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर रामलीला का मंचन हो रहा था जहां हनुमान जी का किरदार निभाने वाले हरीश मेहता जैसे ही प्रभु राम के चरणों में झुके उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए.रविवार को राम जी की घर वापसी को लेकर भिवानी के जवाहर चौक में एक सामाजिक संस्था की ओर से राम के राज तिलक का कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दौरान एक गाने के जरिए राजतिलक की तैयारी चल रही थी। जैसे ही गाना खत्म हुआ, तो हनुमान जी का मंचन कर रहे कलाकार हरीश मेहता ने राम जी के चरणों में झुकते ही अपने प्राण त्याग दिए।
अस्पताल जाने से पहले ही तोड़ा दम
आपको बता दें कि,मृतक हरीश मेहता बिजली विभाग से जेई के पद से रिटायर थे और पिछले 25 साल से हनुमान जी का रोल कर रहे थे. कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि,कार्यक्रम के दौरान राम लीला का मंचन चल रहा था,तभी वे राम जी के चरणों में आशीर्वाद लेने के लिए झुके तो सही लेकिन फिर उठ नहीं सके।आयोजकों ने बताया कि,उन्हें अंचल अस्पताल में ले जाया गया लेकिन हॉस्पिटल में जानें से पहले ही उनके प्राण निकल चुके थे.अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि,हरीश नामक व्यक्ति को उनके अस्पताल में लाया गया था लेकिन यहां लाने से पहले ही उनकी मौत हो गई थी।
अचानक हुई मौत से सदमे में लोग
हरीश मेहता 62 साल के थे और भिवानी के एमसी कॉलोनी में रहते थे। हरीश कुमार पिछले 25 सालों से न्यू बासुकीनाथ रामलीला कमेटी भिवानी में हनुमान का किरदार निभा रहे थे। वे बिजली विभाग में जेई के पद से रिटायर थे। रिटायरमेंट के बाद भी वो रामलीला मंचन से जुड़े हुए थे।फिलहाल हरीश मेहता की अचानक हुई मौत से हर कोई सदमे में है.रामलीला के मौजूदा कलाकारों का भी यही कहना है कि,उन्हें बिल्कुल विश्वास नहीं हुआ कि,वो रामजी के चरणों में आशीर्वाद लेने के लिए झुके और फिर उठे हीं नहीं।
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