PWD: पीडब्ल्यूडी ने उन्हें 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगला आवंटित किया गया है। उन्होंने वही घर मिला है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रहा करते थे। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी को गुरुवार को नया घर अल़ॉट हो गया। पीडब्ल्यूडी ने उन्हें 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगला आवंटित किया गया है। उन्होंने वही घर मिला है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रहा करते थे। प्रक्रिया पूरी होने के बाद पीडब्ल्यूडी ने यह घोषणा की है।
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पीडब्ल्यूडी ने सीएम आवास को कर दिया सील
आपको बता दें कि दो दिन पहले ही बीते बुधवार को पीडब्ल्यूडी ने 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सीएम आवास को सील कर दिया था। मुख्यमंत्री सचिवालय की तरफ से इसे एलजी की तरफ से जबरन की गई कार्रवाई करार दिया गया था। साथ ही दिल्ली सीएम आफिस ने आरोप लगाया था कि इस आवास को भाजपा के किसी बड़े नेता को दिया जा सकता है। हालांकि ऐसा नहीं हुआ और दो दिन बाद आतिशी को ही आवंटित कर दिया गया।
पीडब्ल्यूडी ने सामान निकालकर किया बाहर
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी सात अक्तूबर को सिविल लाइंस स्थिति फ्लैग स्टाफ रोड पर बंगला नंबर छह में शिफ्ट हो गई थीं। मुख्यमंत्री आवास पर आने के बाद सोमवार को उन्होंने स्थानीय कर्मचारियों के साथ बैठक भी की थी। साथ ही विभिन्न विषयों पर चर्चा की थी। लेकिन बाद में पीडब्ल्यूडी ने उनका सामान बाहर निकाल दिया गया था।
आधिकारिक तौर पर किसी भी विधायक के लिए नहीं है निर्धारित
बंगला इसलिए चर्चा में रहा क्योंकि भाजपा ने इसके नवीनीकरण में व्यापक भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और इसे ‘शीश महल’ की संज्ञा दी।दिल्ली में मुख्यमंत्री को आवास कैसे मिलता है? इस विवाद के बीच पूर्व मुख्य सचिव आलोक सहगल ने कहा है कि दिल्ली में राज निवास (दिल्ली के उपराज्यपाल का निवास) को छोड़कर कोई भी आवास आधिकारिक तौर पर किसी भी विधायक के लिए निर्धारित नहीं है। सहगल ने एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में बताया कि जब कोई नया मंत्री पदभार ग्रहण करता है l
आवास आवंटित करने की प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं-सहगल
मंत्रिस्तरीय बंगलों का दोबारा आवंटन किया जाता है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि यही मकान अगले व्यक्ति को आवंटित किया जाएगा। सहगल ने कहा कि आवास आवंटित करने की प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं, जिसमें उचित आदेश और अवर सचिव या उप सचिव जैसे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों द्वारा औपचारिक प्रमाणीकरण शामिल है। भले ही कोई मुख्यमंत्री हो, फिर भी आदेश पारित किया जाना चाहिए और उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी नियमों के तहत कोई भी व्यक्ति एक साथ दो सरकारी आवास नहीं रख सकता।