Bareilly Bridge Accident: रविवार एक अजीबोगरीब घटना सामने आयी। जहां एक और आज के इस तकनीकी दौर में हर कोई हाथ में मोबाइल लिए हुए चलता है। अब वो वक़्त नहीं रहा जब लोग कही सफर पर हो और लोगों से रास्ते पूछे। आज के समय में हर कोई गूगल मैप (Google Map) लगा कर रखता है। उस पर इतना भरोसा रखता है कि वो जिधर ले जाएं उधर का रुख कर लेते है। इसी गूगल मैप ने ही कई लोगों की जान ली है अगर मैं ऐसा कहूं तो क्या आप यकीन करेंगे ? हाँ मगर ये सच है।
बरेली और बदायूं की सीमा पर स्थित अधूरे पुल से कार गिरने के दर्दनाक हादसे में तीन युवकों की जान चली गई। यह घटना रविवार तड़के हुई, जब गूगल मैप के निर्देशों पर चलते हुए कार अधूरे पुल से नीचे जा गिरी। मृतकों में गुरुग्राम में सिक्योरिटी एजेंसी चलाने वाले आगरा निवासी अमित सिंह (38), फर्रुखाबाद निवासी अजीत कुमार (30) और उनके चचेरे भाई नितिन (30) शामिल हैं। यह तीनों बरेली के फरीदपुर में एक शादी में शामिल होने जा रहे थे।
पीडब्ल्यूडी की लापरवाही हुई उजागर
इस मामले में बदायूं के नायब तहसीलदार छविराम ने पीडब्ल्यूडी की लापरवाही का हवाला देते हुए दातागंज कोतवाली में चार अभियंताओं समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि पुल के अधूरे होने के बावजूद वहां सुरक्षा उपाय नहीं किए गए थे। अवरोधक या सांकेतिक बोर्ड तक नहीं लगाए गए, और केवल एक पतली दीवार से रास्ता बंद किया गया था, जिसे अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया था।
गलत रास्ता दिखाने पर गूगल मैप पर भी उठे सवाल

हादसे में गूगल मैप की भूमिका पर भी सवाल खड़े हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल मैप ने इस अधूरे पुल को चालू रास्ते के रूप में दिखाया, जिससे वाहन चालक भ्रमित हो गए। नायब तहसीलदार ने गूगल मैप के क्षेत्रीय अधिकारी के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक गूगल या उसके किसी अधिकारी को नामजद नहीं किया है। लेकिन हो सकता है जांच के दौरान नाम जोड़े जा सकते हैं।
पीडब्ल्यूडी अभियंताओं पर मुकदमा दर्ज
रिपोर्ट में पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता मोहम्मद आरिफ और अभिषेक कुमार, अवर अभियंता अजय गंगवार और महाराज सिंह समेत कई अज्ञात अभियंताओं के खिलाफ लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं। शुरुआती जांच में अभियंताओं की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। उनके निलंबन की संभावना जताई जा रही है। घटना का संज्ञान लेते हुए शासन ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से जवाब तलब किया है। विभागीय प्रमुख अभियंता अजय कुमार ने घटनास्थल का दौरा किया और हादसे के लिए जिम्मेदार कारणों की जांच शुरू की।

अधीक्षण अभियंता केके सिंह ने स्थानीय लोगों और विभागीय अभियंताओं के बयान लिए। उन्होंने पुल से पहले चार स्थानों पर नई बैरिकेडिंग का भी निरीक्षण किया। अधीक्षण अभियंता ने जांच के दौरान यह जानने की कोशिश की कि पुल पर आवागमन रोकने के लिए बनाई गई दीवार कब और किसने गिराई। दीवार गिरने के बाद उसे तत्काल दुरुस्त क्यों नहीं किया गया, इस पर भी अभियंताओं से सवाल किए गए।
कब बनेगा अधूरा पुल?

प्रशासन की जांच में यह भी सामने आया है कि पुल पिछले साल सितंबर में बह गया था और तब से यह अधूरा पड़ा है। इसे पूरा कराने के लिए अब तक क्या प्रयास किए गए, इस पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि हादसे के बाद बैरिकेडिंग तो कर दी गई है, लेकिन ऐसी दुर्घटनाओं से बचाव के लिए प्रभावी योजना की जरूरत है।
परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल
इस दर्दनाक हादसे ने मृतकों के परिवारों को गहरा सदमा दिया है। शादी समारोह में शामिल होने जा रहे इन युवकों की मौत से घरों में मातम पसरा हुआ है। परिजन प्रशासन और पीडब्ल्यूडी की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अधीक्षण अभियंता केके सिंह मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके बाद शासन की ओर से कार्रवाई तय की जाएगी। अब देखना होगा कि क्या जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई होती है या फिर यह मामला अन्य हादसों की तरह दबकर रह जाएगा।