Delhi DDA Demolition: दिल्ली के खजूरी खास गांव में अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत डीडीए ने कई अवैध घरों पर बुलडोजर चलाया,जिनमें एक घर उस शख्स का था,जिसने उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग हादसे में 41 मजदूरों की जान बचाने में मदद की थी. इस दौरान रैट होल माइनर वकील हसन बेघर हो गए. जिसके बाद उन्होंने एक वीडियो मैसेज के जरिए अधिकारियों पर बिना किसी नोटिस के उनका घर गिराने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मेरा घर ही एकमात्र ऐसी चीज है, जो मैंने पुरस्कार के रूप में (उत्तराखंड बचाव अभियान के लिए) मांगी थी, लेकिन डीडीए ने बिना किसी नोटिस के मेरा घर तोड़ दिया.
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बेघर होने के बाद क्या बोले वकील हसन?
इसी कड़ी में वकील हसन ने कहा कि सरकार ने मुझे आश्वासन दिया था कि उनके घर को नहीं छुआ जाएगा, लेकिन फिर भी तोड़ दिया गया. वीडियो में उनके साथ रेस्क्यू ऑपरेशन के एक अन्य सदस्य मुन्ना कुरेशी भी थे, जिन्होंने आरोप लगाया कि घटना के दौरान उन पर पुलिस के द्वारा बर्बरता की गई. उन्होंने पुलिस पर हसन के नाबालिग बच्चों को थाने लाकर पीटने का भी आरोप लगाया है.
बुलडोजर चलाए जाने को लेकर डीडीए ने कहा
अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत वकील हसन के घर पर बुलडोजर चलाए जाने को लेकर डीडीए ने कहा उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि जिन-जिन लोगों के घरों को जमीनंगोज किया जा रहा है,उसमें रैट माइनर वकील हसन का भी घर था. खजूरी खास गांव में बुलडोजर एक्शन पर डीडीए ने बयान जारी किया है और कहा है कि उसे इस बात की जानकारी नहीं थी. बुलडोजर एक्शन पर डीडीए ने कहा कि उसके अधिकारियों को नहीं पता था कि रैट माइनर वकील हसन ने सिल्क्यारा टनल में मजदूरों को बचाया था.
डीडीए ने क्या कहा ?
ये बात जानकारी में आने के बाद डीडीए ने उनके लिए वैकल्पिक शेल्टर की व्यवस्था करने के लिए कहा था, जिसे लेने से रैट माइनर वकील हसन ने इनकार कर दिया. डीडीए ने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान उस जमीन पर चलाया गया जो ‘योजनाबद्ध विकास भूमि’ का हिस्सा थी. अपनी जमीन से अतिक्रमण हटाना डीडीए की निरंतर और नियमित गतिविधि रही है. बयान के मुताबिक, 2016 में दिल्ली विकास प्राधिकरण ने एक विध्वंस अभियान शुरू करते हुए खजूरी खास गांव में खसरा नंबर 247/1 मिन से अपने 3 भूमि पार्सल को अतिक्रमण से मुक्त कराया. 2017 में निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि वकील हसन और गोयल नाम के व्यक्ति फिर से इन 3 भूमि पार्सल में से 2 पर अतिक्रमण कर रहे थे. इस गंभीर उल्लंघन की तुरंत पुलिस को सूचना दी गई, जिससे जून 2018 के लिए निर्धारित विध्वंस कार्यक्रम शुरू हो गया.
मामले पर राजनीति हुई शुरु
इस मामले पर अब राजनीति शुरु हो गई है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सरकार को घेरना शुरु कर दिया है. दोनों पार्टियों ने सरकार पर सवाल उठाए है. कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने इस मामले पर सरकार को घेरते हुए एक वीडियो शेयर किया है, इस वीडियो में वकील हसन की पत्नी इमोशनल होकर कह रही हैं कि मेरे हसबैंड तो उत्तरकाशी के हीरे थे, उन्होंने 41 मजदूरों की जान बचाई थी. सब उन्हें सम्मान दे रहे थे, आज उस सम्मान के बदले मेरा मकान ले लिया.
मोदी जी हाथ जोड़कर कहते हैं- सबका साथ, सबका विकास, हमारा विकास कहां है. उन्होंने आकर बच्चों को मारा-पीटा, बाहर निकाला और घर तोड़ दिया. वकील हसन, मुन्ना कुरैशी और मेरे बेटे को अंदर बंद कर दिया. हसन की पत्नी ने आगे कहा कि सबको ले जाकर थाने में बंद कर दिया गया, हम बच्चों के रिजल्ट तक भी नहीं निकाल पाए, सब उसमें ही रह गए. अब हम कहां जाएंगे, क्या सरकार हमें बताएगी कि हम कहां जाएंगे?
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प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरा..
प्रियंका गांधी ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने लिखा कि वकील हसन ने अपनी जान जोखिम में डालकर उत्तरकाशी सुरंग में फंसे मजदूरों की जान बचाई थी. तब अपने प्रचार के लिए बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं ने उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं थीं. जब प्रचार खत्म हो गया तो आज उसी वकील हसन को थाने में बंद कर दिया और उनका घर तोड़कर उनके बच्चों के सिर से छत छीन ली. गरीबों का घर तोड़ना, उन्हें कुचलना, प्रताड़ित और अपमानित करना…यह अन्याय ही बीजेपी के “अन्यायकाल” की सच्चाई है. जनता इस अन्याय का जवाब जरूर देगी.
क्या बोले मनोज तिवारी?
लगातार विपक्षी दल सरकार को घेरते हुए नजर आ रहे है. इस मामले पर बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने कहा कि उनके घर को लेकर कुछ कानूनी मुद्दे थे. हमने इस पर चर्चा की है और हम उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर मुहैया कराएंगे.
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