Jhansi Medical Collage Fire: झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड (NICU) में लगी आग में 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। शासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन अलग-अलग स्तरों पर जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की बात कही गई है।
कमेटी करेगी विस्तृत जांच
चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस हादसे की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी आगामी सात दिनों में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण के महानिदेशक इस कमेटी के अध्यक्ष होंगे।
सदस्य:
- निदेशक (स्वास्थ्य) चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं
- अपर निदेशक (विद्युत)
- महानिदेशक, अग्निशमन द्वारा नामित अधिकारी
कमेटी को निम्न तीन बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है:
- आग लगने का प्राथमिक कारण।
- किसी भी प्रकार की लापरवाही या दोष की पहचान।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सिफारिशें।
जांच के लिए तीन स्तरों पर कार्रवाई

डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इस हादसे की जांच के लिए तीन स्तरों पर अलग-अलग कमेटियां काम करेंगी:
- शासन स्तर पर जांच: स्वास्थ्य विभाग की अगुवाई में होगी, जिसमें फायर ब्रिगेड के अधिकारी भी शामिल रहेंगे।
- जिला प्रशासन स्तर पर जांच: जिलाधिकारी की अध्यक्षता में की जाएगी।
- मजिस्ट्रियल जांच: स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए मजिस्ट्रेट द्वारा होगी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीआईजी और मंडलायुक्त से 12 घंटे के भीतर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट तलब की है ताकि जवाबदेही तय की जा सके।
क्या थी झांसी की घटना जिससे 10 मासूमों की बुझी जिंदगी

बीती रात झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में अचानक आग लग गई। हादसे में 10 नवजात शिशुओं की जान चली गई। इनमें से 6 बच्चों की पहचान कर ली गई है, जबकि 4 बच्चों की शिनाख्त अब तक नहीं हो सकी है। इस हादसे ने अस्पताल प्रशासन और फायर सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
डिप्टी सीएम ने किया घटनास्थल का निरीक्षण
शनिवार सुबह डिप्टी सीएम बृजेश पाठक मेडिकल कॉलेज पहुंचे और घटना स्थल का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं की समीक्षा की और पीड़ित परिवारों से मिलकर दुख जताया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और घायल बच्चों के इलाज के लिए 50-50 हजार रुपये मुआवजे की घोषणा की।
भविष्य में घटनाओं की रोकथाम पर दिया जोर
सरकार ने साफ किया है कि जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सभी अस्पतालों में फायर सुरक्षा व्यवस्था की जांच के आदेश दिए गए हैं। यह घटना एक बार फिर अस्पतालों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की ओर इशारा करती है। झांसी के इस दर्दनाक हादसे से पूरे प्रदेश में शोक और आक्रोश का माहौल है। अब निगाहें शासन द्वारा उठाए गए कदमों और जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।