Asaram Bapu: भारत के मशहूर कथावाचक आशाराम बापू काफी लंबे वक्त से राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं,आसाराम बापू की ओर से डाली गई गए एक याचिका में 18 जून को सुनवाई होनी थी,जिसमें एडवोकेट विजय साहनी केस में आसाराम की पैरवी करने दिल्ली से जोधपुर आए थे,विजय साहनी को आसाराम के समर्थकों द्वारा पीटा गया, जिसके बाद पूरे हाईकोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया,इसको लेकर हाईकोर्ट के वकीलों में गुस्सा देखने को मिल रहा है।आसाराम के स्वास्थ को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
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वकील को पीटने पर मचा हड़कंप
आसाराम के वकील विजय साहनी ने हाईकोर्ट में एक याचिका डाली थी,ये याचिका आसाराम के स्वास्थ से संबंधित थी, जिसमें 18 जून को सुनवाई होनी थी,लेकिन इसी बीच आसाराम के समर्थकों ने वकील विजय साहनी को हाईकोर्ट परिसर में ही पीट दिया,जिसके बाद पूरे हाईकोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई,पीटने वालों में एक आरोपी को कुड़ी थाने की पुलिस के हवाले कर दिया गया।आसाराम के बड़े समर्थकों में से एक मारवाह ने 2016 में जमानत के लिए उनके स्वास्थ से संबंधित आरटीआई जवाब को सर्वोच्च न्यायलय में जमा किया था। जिसके बाद आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
ये मामला लंबे समय तक चलने की उम्मीद
आपको बता दें कि, मामले के सह-आरोपी रविराय मारवाह को पहले ही जमानत मिल चुकी है, ये मामला लंबे समय तक चलने की उम्मीद है। वहीं कोर्ट द्वारा बताया गया है कि,सर्वोच्च न्यायालय में जमा आरटीआई के दस्तावेज मारवाह को गणेश कुमार नाम के शख्स ने दिए थे,गणेश ने ये दस्तावेज जेल से ही आरटीआई को आवेदन देकर प्राप्त किए थे। मारवाह ने बाद में इस दस्तावेज को सर्वोच्च न्यायलय की अदालत में आसाराम के वकील को सौंप दिया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरन जब पता चला कि, पेश किया गया स्वास्थ प्रमाण पत्र झूठा था और सभी दस्तावेज भी फर्जी थे,जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट भी इस पर भड़क गई।
सुप्रीम कोर्ट ने दर्ज किया मुकदमा
आसाराम के समर्थक मारवाह द्वारा अदालत में पेश किए गए फर्जी दस्तावेज और झूठे स्वास्थ प्रमाण पत्र से सुप्रीम कोर्ट भड़क गई और कोर्ट में झूठे सबूत और प्रमाण पत्र के आरोप में मुकदमा दर्ज कर इस पर जांच के आदेश दिए, आसाराम फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ सकते, क्योंकि उनके ऊपर यौन उत्पीड़न के गंभीर मामले चल रहे हैं,जिसमें उनको पूरी जिदंगी जेल में सजा काटनी पड़ सकती है।
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