आगरा संवाददाता- ज़ीशान अहमद
आगरा विकास प्राधिकरण एक ऐसा विभाग है जिस पर शहर की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां होती है। लेकिन आगरा विकास प्राधिकरण में कार्यरत कर्मचारी और अधिकारियों पर लगे आरोपों के चलते प्राधिकरण हमेशा चर्चाओं में बना रहता है। ताजा मामला आगरा विकास प्राधिकरण के 6 कर्मचारी और अधिकारियों पर लगे आय से अधिक संपत्ति अनादिकृत निर्माण का है। इन आरोपों के लगने के बाद आगरा विकास प्राधिकरण की छवि धूमिल हुई है। हाई कोर्ट के फैसले का आगरा विकास प्राधिकरण के दागी कर्मचारी और अधिकारियों को इंतजार है।
हाई कोर्ट में दो जजों की पीठ में मामले की सुनवाई…
बीते दिनों आगरा विकास प्राधिकरण के छह कर्मचारी और अधिकारी पर भ्रष्टाचार आय से अधिक संपत्ति पद का दुरुपयोग करने के आरोप लगे थे। साथ ही ताजमहल को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई गाइडलाइन के विरुद्ध ग्रीन बेल्ट में हो रहे निर्माण के वीडियो भी वायरल हुए थे। जिन पर अब तक कार्यवाही नहीं हो पाई है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिकायतकर्ता द्वारा आगरा विकास प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई यह मामला मंडल आयुक्त तक पहुंचा लेकिन दागी कर्मचारी अधिकारी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया।
शिकायतकर्ता ने हाई कोर्ट का रुख किया और अब मामला हाई कोर्ट में चल रहा है। हाई कोर्ट में दो जजों की पीठ में मामले की सुनवाई की और जज ने कहा 6 और कर्मचारियों को पार्टी बनाया जाए ताकि हाईकोर्ट उनको तालाब करें। अब इस मामले पर आगे क्या फैसला आएगा यह देखने वाला विषय होगा। लेकिन भ्रष्टाचार आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगने के बाद आगरा विकास प्राधिकरण की काफी फजीहत हो रही है।
अनुज शिवहरे ने ADA अधिकारियों पर रिश्वत लेने के लगाए आरोप…
अनुज शिव हरे का कहना है कि आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारी व कर्मचारी भ्रष्टाचारी हैं और वह पैसे लेकर ग्रीन बेल्ट पर अवैध निर्माण कराते हैं अभी भी कुछ दिन पहले 6 अधिकारियों व कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे शिकायतकर्ता मंडल आयुक्त तक शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई शिकायतकर्ता हाई कोर्ट पहुंचा हाई कोर्ट में मामला लंबित है ऐसे अधिकारियों पर जो आगरा विकास प्राधिकरण में है उन पर कार्रवाई हो।