महादेव जुआ एप में अब एक नया मोड़ सामने आया है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED)द्वारा गिरफ्तार किए गए ड्राइवर असीम दास ने अपने उस बयान को वापस ले लिया है, जिसमें उसने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पैसे पहुंचाने की बात कही थी साथ ही आरोपी का ये भी कहना है कि उसे इस मामले में फंसाया जा रहा है।
‘दास को हस्ताक्षर को लिए मजबूर किया’
महादेव ऐप घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। गिरफ्तार आरोपी असीम दास ने विशेष अदालत में कहा कि उसने कभी भी किसी नेता को पैसे नहीं पहुंचाया है। असीम दास ने कहा कि उसे फंसाया जा रहा है। वहीं दास ने अदालत को पत्र लिखकर कहा है, ईडी ने उससे अंग्रेजी में लिखे बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया, जिस भाषा को वह नहीं समझता।
न्यायिक रिमांड 1 दिसंबर तक बढ़ा दी है…
शुक्रवार को गिरफ्तार दोनों आरोपियों को ईडी ने कोर्ट में पेश किया। रायपुर कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोनों आरोपियों की तरफ से लगाई गई जमानत याचिका खारिज कर दी और उनकी न्यायिक रिमांड 1 दिसंबर तक बढ़ा दी है। अब अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी। दास के वकील शोएब अल्वी ने बताया कि असीम दास और भीम सिंह यादव की न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने पर धन शोधन निवारण अधिनियम मामलों के विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत सात दिन के लिए बढ़ा दी।
READ MORE: प्रभु श्री राम के चरणो में समर्पित की पूर्व IPS अधिकारी ने जीवन भर की कमाई…
भूपेश ने आरोपों को गलत बताया…
बता दें कि इस मामले को लेकर विधानसभा चुनाव प्रचार के समय काफी राजनीति हुई थी। बीजेपी ने इसे लेकर सीएम बघेल समेत कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे लेकर कांग्रेस पर हमला बोला था। वहीं भूपेश बघेल ने आरोपों को गलत बताया था और कहा था कि ईडी और बीजेपी मिलकर उनके खिलाफ साजिश कर रही हैं।
बघेल पर 508 करोड़ का आरोप…
ईडी ने तीन नवंबर को दावा किया था कि फॉरेंसिक विश्लेषण और नकदी पहुंचाने के आरोपी दास द्वारा दिए गए एक बयान से ‘चौंकाने वाले आरोप’ सामने आए हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और यह जांच का विषय है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने आरोप से इनकार किया था और भाजपा पर विधानसभा चुनाव में हार की आशंका में ईडी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था।