Rafale Deal Latest Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने भारतीय नौसेना के लिए फ्रांस से 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी है। इस सौदे के बाद भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होने वाला है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। राफेल-एम लड़ाकू विमानों का यह सौदा भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उनकी समुद्री रक्षा क्षमताओं को मजबूती मिलेगी।
राफेल डील से बढ़ेगी नौसेना की ताकत
हाल ही में भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए एक मिसाइल परीक्षण किया था, जिसे बहुत ही सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। यह परीक्षण आईएनएस सूरत से किया गया था और यह मिसाइल मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली थी। विशेषज्ञों के अनुसार, राफेल विमानों के शामिल होने से भारतीय नौसेना की युद्धक्षमता में कई गुना वृद्धि होगी और यह उसे किसी भी समुद्री खतरे का सामना करने में सक्षम बनाएगा।
रिमोट के जरिए डील पर मुहर
इस सौदे के लिए पहले फ्रांस के रक्षा मंत्री 27 अप्रैल को भारत आने वाले थे, लेकिन व्यक्तिगत कारणों से उनका दौरा रद्द हो गया। हालांकि, इससे सौदे पर कोई असर नहीं पड़ा। अब यह डील रिमोट से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस के रक्षा मंत्री के बीच होगी। इस दौरान दोनों देशों के रक्षा सचिव और फ्रांसीसी राजदूत भी मौजूद रहेंगे। इस प्रक्रिया के दौरान भारतीय रक्षा मंत्री और फ्रांस के मंत्री एक साथ सौदे पर हस्ताक्षर करेंगे।
राफेल विमानों की डिलीवरी की प्रक्रिया
सौदा तय होने के बाद, भारतीय नौसेना को राफेल-एम विमानों की डिलीवरी 2028-29 से शुरू होगी। 2031-32 तक सभी विमानों की आपूर्ति पूरी हो जाएगी। यह सौदा करीब 63,000 करोड़ रुपये की लागत का होगा और यह भारतीय नौसेना के लिए पहला बड़ा लड़ाकू विमान अपग्रेड होगा। इससे भारतीय नौसेना के पास अत्याधुनिक लड़ाकू विमान होंगे, जो किसी भी समुद्री संघर्ष में अहम भूमिका निभाएंगे।
प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता
इस सौदे में केवल विमानों की डिलीवरी ही नहीं, बल्कि उनके रखरखाव, रसद सहायता, कर्मियों के प्रशिक्षण और घटकों के घरेलू विनिर्माण के लिए एक व्यापक पैकेज भी शामिल होगा। इसके तहत भारतीय नौसेना को फ्रांस से तकनीकी और प्रशिक्षण सहायता भी मिलेगी, जिससे भारतीय सैनिकों को इन विमानों के संचालन में उच्च स्तर की दक्षता प्राप्त होगी।
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राफेल-एम विमानों का महत्व
राफेल-एम लड़ाकू विमानों में 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर ट्रेनिंग विमानों की डिलीवरी होगी। इन विमानों को भारतीय नौसेना के प्रमुख विमानवाहक पोतों, आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत से संचालित किया जाएगा। इन विमानों के शामिल होने से भारतीय नौसेना की समुद्री हमला क्षमताओं को और अधिक सशक्त किया जाएगा, जो भारतीय सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।