मामला अयोध्या में बन रहे भगवन राम के मंदिर को लेकर आया है। बता दे कि यह एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी लक्ष्मीनारायणन अपनी जीवन भर की कमाई राम मंदिर को समर्पित कर दी है। ये रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अयोध्या मंदिर में एक रामचरितमानस की मूर्ति का निर्माण करवा रहे है, जिसका वजन 151 किलो होगा।
Ram temple: अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के लिए लोग अपने-अपने स्तर से दान कर रहे हैं। वही एक खबरह समाने आई है, कि एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी आपनी पूरी कमाई मंदिर को समर्पित कर दी है। बता दे कि वह अयोध्या में रामचरितमानस की मूर्ति का निर्माण करवा रहे है जिसका वजन 151 किलो होगा। वही 10,902 पदों वाले इस महाकाव्य का प्रत्येक पन्ना तांबे का होगा।
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी ने कुया कहा…
एस. लक्ष्मीनारायणन ने बताया कि ईश्वर ने मुझे जीवनपर्यंत बहुत कुछ दिया। प्रमुख पदों पर रहा। मेरा जीवन अच्छा चला। रिटायरमेंट के बाद भी खूब पैसा मिल रहा है। दाल-रोटी खाने वाला इन्सान हूं। पेंशन ही खर्च नहीं होती। ईश्वर का दिया हुआ उन्हें वापस कर रहा हूं। दान के नाम पर धन की लूट-खसोट से बेहतर है कि प्रभु के चरणों में उनकी पुस्तक अर्पित कर दूं। -एस. लक्ष्मी नारायणन, पूर्व केंद्रीय गृह सचिव।
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क्या खास होगा रामचरितमानस की मूर्ति में…
10,902 पदों वाले इस महाकाव्य का प्रत्येक पन्ना तांबे का होगा। पन्ने को 24 कैरेट सोने में डुबोया जाएगा। फिर स्वर्ण जड़ित अक्षर लिखे जाएंगे। इसमें 140 किलो तांबा और पांच से सात किलो सोना लगेगा। सजावट के लिए अन्य धातुओं का इस्तेमाल होगा। इस पुस्तक के लिए नारायणन ने अपनी सभी संपत्तियों को बेचने व बैंक खातों को खाली करने का फैसला किया है। मानस को रामलला के चरणों के पास रखा जाएगा। बीते दिनों पत्नी के साथ अयोध्या आए नारायणन ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से इसकी अनुमति हासिल की।
मंदिर निर्माण का काम जारी…
22 जनवरी 2024 से पहले मंदिर निर्माण का जो लक्ष्य रखा गया था, उसका लगभग 80% काम पूरा हो चुका है। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण का हमने जो लक्ष्य लिया है, उसमें लगभग 80% के आसपास हम पहुंच चुके हैं। स्टोन सब आ चुका है, उसकी फिटिंग बाकी है। वही उन्होंने आगे बताया कि मूर्तिकारी का काम त्योहार की वजह से थोड़ा धीमा हुआ है, लेकिन एक-दो दिन में यह फिर गति पकड़ लेगा। 70 खंभों की मूर्तिकारी का काम है, वह ऊपरी हिस्से का पूरा हो चुका है। तय समय में हम काम को पूरा कर लेंगे।
कौन है रिटायर्ड आईएएस एस. लक्ष्मीनारायणन…
बता दे कि एस. लक्ष्मीनारायण चेन्नई के रहने वाले हैं। वे मध्यप्रदेश कैडर के 1970 बैच के आइएएस अधिकारी रहे हैं। मौजूदा समय में वह दिल्ली में रहते हैं. उनकी पत्नी सरस्वती एक गृहिणी हैं, और उनकी बेटी प्रियदर्शिनी अमरीका में रहती हैं। प्रदेश में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके लक्ष्मीनारायण पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के करोबी अफसरों में शामिल रहे हैं। इसके अलावा कई निजी कंपनियों से जुड़ चुके लक्ष्मीनारायण को भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है।