Jammu Kashmir Assembly : पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आज एक विशेष बैठक बुलाई गई इस बैठक में घाटी के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला समेत सरकार के कई मंत्री भी मौजूद रहें।बैठक में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में 2 मिनट का मौन रखकर पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों का श्रद्धाजंलि अर्पित की और सदन में हमले को लेकर बेहद भावुक स्पीच दिया।उमर अब्दुल्ला ने कहा,पहलगाम में हुए हमले की आज हर कोई निंदा कर रहा है हम में से कोई इस हमले के साथ नहीं है हमले ने हमें अंदर से खोखला कर दिया है।
J&K विधानसभा के विशेष सत्र में आतंकी हमले में मृतकों को दी श्रद्धाजंलि
उमर अब्दुल्ला ने कहा,26 सालों में मैंने पहली बार लोगों को इस तरह से घरों से बाहर आते देखा है।कठुआ से लेकर कुपवाड़ा तक शायद ही ऐसा कोई गांव या शहर होगा जहां लोगों ने घरों से बाहर कर इस हमले की निंदा नहीं की।उन्होंने कहा कि,इस हमले के बाद वह अब किस मुंह से जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग करेंगे सीएम ने कहा,भले मौजूदा वक्त में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी सरकार के पास नहीं है लेकिन इस मौके पर वह कोई राजनीति नहीं करेंगे वह दिल्ली की हुकूमत से आज पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग नहीं करेंगे।
सदन में उमर अब्दुल्ला ने दिया भावुक स्पीच
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि,देश के अलग-अलग हिस्सों से पर्यटक पहलगाम आए थे आतंकियों द्वारा उनकी हत्या किया जाना बेहद शर्मनाक है कश्मीरी लोगों के दिल पर लगा ये एक घाव है।उमर अब्दुल्ला ने कहा,इस मौके पर कोई राजनीति न करे।जम्मू-कश्मीर विधानसभा का विशेष सदन जैसे ही शुरु हुआ स्पीकर अब्दुल रहीम राठेर ने आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों की हत्या की निंदा की।स्पीकर ने कहा,हम यहां पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठे हुए हैं मृतकों के परिजनों के प्रति हम अपनी शोक संवेदना जाहिर करते हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।
अतीत में हुए आतंकी हमलों का उमर अब्दुल्ला ने किया जिक्र
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इससे पहले भी घाटी में हुए आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए कहा,अतीत में हमने कश्मीरी पंडितों और सिख समुदायों पर हमला होते देखा है काफी लंबे समय बाद ऐसा हमला हुआ है मेरे पास पीड़ितों के परिजनों से माफी मांगने के लिए शब्द नहीं हैं।उमर अब्दुल्ला ने कहा,मैं उस नौसेना अधिकारी की विधवा से क्या कहूं?जिसकी कुछ दिन पहले शादी हुई थी मेरे पास अब उनको सांत्वना देने के लिए शब्द नहीं हैं।पीड़ितों के परिजनों से जब मैं मिला उन्होंने मुझसे पूछा उनका क्या जुर्म था मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था।