- राम मंदिर उड़ाने की साजिश का पर्दाफाश
AYODHYA NEWS : अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तारीख जैसे-जैसे करीब आती जा रही है वैसे-वैसे ही अयोध्या से लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियां भी पहले से अधिक पुख्ता की जा रही हैं.अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर ना सिर्फ देश की बल्कि पूरी दुनिया की नजर है.केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार इस दिन को ऐतिहासिक बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है।इसी कड़ी में अयोध्या में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है 22 जनवरी से पहले यहां पर केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अलावा कई सुरक्षा एजेंसियों ने अपना डेरा डाल लिया है।
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ईमेल भेजने वाले 2 आरोपी गिरफ्तार
इस बीच कुछ दिन पहले ही भारतीय किसान मंच एवं भारतीय गौ सेवा परिषद के अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी को ईमेल के जरिए अयोध्या के श्रीराम मंदिर,सीएम योगी आदित्यनाथ और एसटीएफ चीफ अमिताभ यश को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी.देवेंद्र तिवारी को भेजे गए इस ईमेल में ये दावा किया गया था कि,ईमेल भेजने वाला आईएसआई एजेंट है.इसके बाद ही पुलिस और अन्य एजेंसियों के अलावा यूपी एसटीएफ हरकत में आ गई थी.इस मामले में पुलिस ने अब 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
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मुख्य साजिशकर्ता देवेंद्र तिवारी की तलाश में STF
एसटीएफ ने जांच में खुलासा किया है कि,भारतीय किसान मंच एवं भारतीय गौ सेवा परिषद के अध्यक्ष देवेंद तिवारी ने ईमेल भेजने की खुद ही साजिश रची थी.देवेंद्र तिवारी ने सुरक्षा पाने और बड़ा नेता बनने के लिए अपने कार्यालय के कर्मचारियों से ये ईमेल करवाया था.इसमें एसटीएफ ने दो आरोपियों ताहर सिंह और ओम प्रकाश मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है.इसके अलावा एसटीएफ अब साजिशकर्ता देवेंद्र तिवारी की तलाश में जुटी है।
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आईपी एड्रेस ट्रेस कर आरोपियों तक पहुंची STF
इस पूरे मामले पर एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ला ने बताया है जांच में सामने आया कि,देवेंद्र तुवारी पुलिस सुरक्षा चाहता था और खुद को बड़े नेता के रुप में पेश करना चाहता था इसलिए उसने साजिश के तहत खुद को धमकी भरा ईमेल कराया.जिसमें उसने दावा किया था कि,अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम मंदिर,सीएम योगी और एसटीएफ चीफ अमिताभ यश को बम से उड़ा दिया जाएगा.देवेंद्र तिवारी की अभी तलाश की जा रही है जबकि 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है
.देवेंद्र के कहने पर ही इन दोनों ने नाका स्थित अमन मोबाइल सेंटर से दो मोबाइल और सिम कार्ड खरीदे थे.सिम में ताहर सिंह की आईडी का इस्तेमाल किया गया था जिससे देवेंद्र को ईमेल भेजा गया था.ईमेल भेजने के बाद दोनों ने मोबाइल फोन को जलाकर नष्ट कर दिया था लेकिन एसटीएफ ने मोबाइल नंबर ट्रेस करने के साथ ही आईपी एड्रेस को ट्रेस किया जिसके जरिए वो देवेंद्र के कार्यालय तक पहुंचे क्योंकि इंटरनेट के लिए देवेंद्र के कार्यालय के वाई-फाई का इस्तेमाल किया गया था.इस तरह से इस पूरी साजिश का पर्दाफाश किया गया है।
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देवेंद्र तिवारी के कार्यालय का वाई-फाई इस्तेमाल किया
एसटीएफ ने अपनी जांच में खुलासा किया है कि,आरोपियों ने ईमेल भेजने के लिए दो आईडी का इस्तेमाल किया.एक आईडी आलम अंसारी खान और दूसरी जुबैर खान नाम से थी.दोनों ईमेल एक ही मोबाइल नंबर पर बनाई गई थी और इंटरनेट के लिए देवेंद्र के कार्यालय के वाई-फाई का इस्तमाल हुआ था।एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने दो ई-मेल आईडी का इस्तेमाल किया।
एक आईडी आलम अंसारी खान व दूसरी जुबैर खान नाम से थी। दोनों ई-मेल एक ही मोबाइल पर बनाई गईं और इंटरनेट देवेंद्र के कार्यालय के वाई-फाई से इस्तेमाल किया गया। 15 दिसंबर को आलमबाग थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे का भी इसमें राजफाश हो गया। वह मेल भी इन्हीं दोनों ने देवेंद्र के कहने पर किया था।